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सावन सोमवार व्रत: महत्व और कथा

Published on July 22, 2024 by Vivek Kumar

सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। खासतौर पर सावन सोमवार व्रत को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस व्रत के पीछे की पौराणिक कथा और इसका महत्व जानकर भक्तजन अपने जीवन में शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं सावन सोमवार व्रत की कथा और इसका महत्व।

सावन सोमवार व्रत का महत्व

सावन के महीने में शिव जी की पूजा और व्रत का महत्व कई धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुख, समृद्धि, और संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इसे करने से स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है और जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहती है।

सावन सोमवार व्रत की कथा

प्राचीन काल में एक राजा था, जिसका नाम चंद्रभानु था। चंद्रभानु को कोई संतान नहीं थी, जिसके कारण वह बहुत दुखी रहता था। उसने अपनी रानी के साथ कई व्रत और पूजा किए, लेकिन कोई परिणाम नहीं मिला। एक दिन, वह एक महान ऋषि के पास गया और उनसे अपनी समस्या का समाधान पूछा। ऋषि ने राजा को सावन सोमवार व्रत करने की सलाह दी और कहा कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होंगे और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होगी। राजा और रानी ने ऋषि की सलाह मानकर सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखा और शिव जी की विधिपूर्वक पूजा की। कुछ समय बाद, भगवान शिव उनकी पूजा और व्रत से प्रसन्न होकर उन्हें संतान का वरदान दिया। इस प्रकार, सावन सोमवार व्रत की कथा से पता चलता है कि इस व्रत का पालन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

सावन सोमवार व्रत की विधि

ब्रह्म मुहूर्त में जागरण: सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग की स्थापना: घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें और तांबे के पात्र में जल भरकर शिवलिंग पर अर्पित करें। पंचामृत अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। बेलपत्र और फूल अर्पित करें: शिवलिंग पर बेलपत्र, सफेद फूल, धतूरा, और अक्षत (चावल) अर्पित करें। भोग लगाएं: खीर, हलवा, और बेल के फल का भोग भगवान शिव को अर्पित करें। आरती और मंत्र जाप: शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव जी की आरती करें।

सावन सोमवार व्रत के नियम

शुद्धता का पालन: व्रत के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता का पालन करें। मन में किसी प्रकार की बुरे विचार न लाएं और गुस्से पर काबू रखें। मांस और मदिरा का त्याग: सावन के महीने में मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें। बाल कटवाना वर्जित: सावन के महीने में बाल, दाढ़ी और मूंछ कटवाना वर्जित है। विशेष खाद्य पदार्थों का त्याग: सावन में बैंगन, दूध, दही, और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन न करें। प्रभात में जागरण: सावन के सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव की पूजा करें। इससे आपके व्रत का प्रभाव और भी बढ़ जाता है। सावन सोमवार व्रत की यह विधि और नियम पालन कर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इस वर्ष सावन सोमवार व्रत का पालन करें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

Categories: धार्मिक समाचार