स्पेन ने यूरो 2024 फाइनल में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार यूरोपीय चैम्पियनशिप का खिताब जीता। बर्लिन में खेले गए इस मुकाबले में स्पेन ने अपने शानदार खेल से इंग्लैंड को पराजित किया, जिससे इंग्लैंड का खिताब जीतने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया।
स्पेन की यह चौथी यूरोपीय चैम्पियनशिप जीत है। इससे पहले स्पेन ने 1964, 2008 और 2012 में यह खिताब अपने नाम किया था। वहीं, इंग्लैंड की टीम लगातार दूसरी बार फाइनल में हार का सामना कर रही है। पिछले सीजन में उसे इटली ने फाइनल में हराया था।
फाइनल मुकाबले का पहला हाफ गोलरहित रहा, लेकिन स्पेनिश टीम का बॉल पजेशन 66 प्रतिशत था। इंग्लैंड के फिल फोडेन के पास पहले हाफ के अतिरिक्त समय में गोल करने का सुनहरा मौका था, लेकिन स्पेन के गोलकीपर यू. सिमोन ने शानदार बचाव किया।
दूसरे हाफ की शुरुआत में ही, 47वें मिनट में, स्पेन के निकोलस विलियम्स ने लैमिन यामल के बेहतरीन क्रॉस पर गोल कर स्पेन को 1-0 से आगे कर दिया। इंग्लैंड ने भी हार मानने का नाम नहीं लिया और 73वें मिनट में सब्सटीट्यूट खिलाड़ी कोल पामर ने जूड बैलिंगहम के क्रॉस पर गोल कर स्कोर बराबर कर दिया।
मैच के 86वें मिनट में स्पेन के सब्सटीट्यूट खिलाड़ी मिकेल ओयारजाबल ने गोल कर स्पेन को 2-1 की बढ़त दिला दी। इस गोल में असिस्ट मार्क कुकुरेला का था, जो मैच का निर्णायक गोल साबित हुआ।
सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने नीदरलैंड्स को 2-1 से हराया था, जबकि स्पेन ने फ्रांस को 2-1 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी। यूरो 2024 की मेजबानी जर्मनी ने की थी और जर्मनी को क्वार्टर फाइनल में स्पेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
स्पेन ने इस टूर्नामेंट में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि वह यूरोपीय फुटबॉल की सबसे ताकतवर टीमों में से एक है। टीम के खिलाड़ियों ने हर मैच में अपनी रणनीति और खेल का शानदार नमूना पेश किया।
इंग्लैंड के लिए यह हार बेहद निराशाजनक रही। लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने के बावजूद, खिताब न जीत पाना टीम के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इंग्लैंड की टीम को अपने खेल में सुधार और रणनीति में बदलाव की जरूरत है ताकि वह भविष्य में ऐसे मुकाबलों में विजयी हो सके।
स्पेन की इस जीत ने एक बार फिर साबित किया कि वह यूरोपीय फुटबॉल की एक दिग्गज टीम है, और उनकी यह उपलब्धि हमेशा यादगार रहेगी।