सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशक घबराए हुए हैं। यहां हम तीन प्रमुख कारणों पर गौर करेंगे जिन्होंने इस बाजार में भूचाल लाया है।
1. अमेरिका में मंदी की आशंका: अमेरिका में मंदी की संभावनाओं ने वैश्विक निवेशकों को चिंतित कर दिया है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी बेरोजगारी दर जुलाई में 4.3 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे उच्च स्तर है। यह लगातार चौथी मासिक वृद्धि है। गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों ने अमेरिका में मंदी की संभावना को बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता पर असर पड़ा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती की भी चर्चा हो रही है, जो बाजार की भावना को प्रभावित कर रही है।
2. मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव ने भी बाजार को प्रभावित किया है। इजरायल द्वारा हमास के प्रमुख इस्माइल हानियेह की हत्या और ईरान की प्रतिक्रिया ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। युद्ध की संभावनाओं के चलते, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है, जो निवेशकों को सतर्क बना रही है। अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो इसका प्रभाव बाजार की धारणा पर गहरा पड़ सकता है।
3. बढ़ी हुई वैल्यूएशन: भारतीय शेयर बाजार का वर्तमान वैल्यूएशन काफी ऊंचा है, खासकर मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में एक हेल्दी करेक्शन की संभावना है। रक्षा और रेलवे जैसे ओवरवैल्यूड सेगमेंट पर दबाव बढ़ सकता है। निवेशकों को इस करेक्शन के दौरान जल्दबाजी में खरीदारी से बचना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।
इन तीन प्रमुख कारणों के चलते शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है, और निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।