सुप्रीम कोर्ट का झारखंड सरकार पर ₹1 लाख का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है और कहा है कि वे राज्य सरकारों और पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSU) की बेकार याचिकाओं से तंग आ चुके हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि अधिकारी ऐसे मामलों में मुकदमेबाजी के खर्च से बचते हैं, जिसके चलते बेकार याचिकाएं दायर की जाती हैं।

बेंच ने झारखंड सरकार की एक याचिका खारिज करते हुए जुर्माना लगाने का आदेश दिया। सरकार को जुर्माना चार सप्ताह के भीतर चुकाना होगा। यह याचिका उस मामले से संबंधित थी जिसमें रांची हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को अपने कर्मचारी रवींद्र गोप को बहाल करने का आदेश दिया था।


सुप्रीम कोर्ट का अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

  1. बाल विवाह पर फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह जीवनसाथी चुनने के अधिकार को छीनता है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है और केवल सजा के प्रावधान से कुछ नहीं होगा।
  2. ईशा फाउंडेशन के खिलाफ केस बंद: सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर बंधक बनाने के मामले में केस बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि लड़कियां बालिग हैं और अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं।
  3. मैरिटल रेप पर सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कहा कि पति को इस मामले में छूट नहीं मिलनी चाहिए।
  4. ‘न्याय की देवी’ की नई मूर्ति: सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की नई मूर्ति स्थापित की गई है, जिसमें आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में संविधान की किताब दी गई है।

इन निर्णयों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों और प्रशासनिक नीतियों पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं, जो देश के कानूनी ढांचे और समाज में सुधार की दिशा में कदम उठाने के लिए आवश्यक हैं।

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