शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से हिंदू, हमलों का शिकार बन गए हैं। विभिन्न जगहों से आ रही रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश के खुलना विभाग के मेहरपुर में स्थित एक इस्कॉन मंदिर को प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़ा और जलाया गया। हिंदू समुदाय, जो बांग्लादेश की जनसंख्या का लगभग 8% है, इस समय एक छात्र आंदोलन के रूप में शुरू हुए सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हो रहा है।
हिंसा की शुरुआत
शेख हसीना के इस्तीफे की खबर फैलने के तुरंत बाद (और कुछ जगहों पर इससे पहले), बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों, मुख्य रूप से हिंदुओं, के खिलाफ हिंसा की घटनाएं शुरू हो गईं। ढाका में यहां तक कि समाचार चैनल भी हिंसा का शिकार हुए। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और जमात-ए-इस्लामी के बढ़ते प्रभाव के चलते धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं।
हिंदू समुदाय पर हमले
एक वायरल टेलीग्राम चैनल ने दावा किया कि 13 हिंदू घरों और 3 मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया। भारत में इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि ये दृश्य उनके लिए विशेष रूप से भयावह हैं।
पूर्व के हमले
यह कोई अचानक घटना नहीं है। 2022 में, बांग्लादेश के झिनাইदा में एक हिंदू मंदिर की मूर्ति को तोड़ा गया था, और उसी साल, 150 हमलावरों ने ढाका के एक इस्कॉन मंदिर पर हमला किया था। लेकिन हसीना की सरकार ने पुलिस की कार्रवाई की और अल्पसंख्यकों के प्रति समर्थन दिखाया। अब, बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की अनुपस्थिति ने अल्पसंख्यक समुदाय को आसान लक्ष्य बना दिया है।
अलर्ट और प्रतिक्रिया
भारतीय राजनीति में भी हलचल मच गई है। पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश से 1 करोड़ हिंदू शरणार्थियों का प्रवाह हो सकता है। वहीं, लेखक दीप हल्दर ने अपने बयान में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति खराब हो रही है और बहुत सी घटनाएँ वास्तविक समय में हो रही हैं, जिनकी रिपोर्टिंग मुश्किल है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक बुलाकर स्थिति की जानकारी ली, जबकि पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता ने शरणार्थियों की संभावित आमद को लेकर अलार्म बजाया है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और भारतीय राजनीति दोनों में इस पर चिंता जताई जा रही है। स्थिति की ताज़ा जानकारी के लिए लाइव ब्लॉग पर नजर बनाए रखें।