राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को घोषणा की कि जो भी स्कूली पाठ्यपुस्तकें मुगल सम्राट अकबर को ‘महान’ कहकर महिमामंडित करेंगी, उन्हें जला दिया जाएगा।
यह टिप्पणी उन्होंने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। दिलावर ने महाराणा प्रताप की तुलना अकबर से करने को राजपूत योद्धा राजा और राजस्थान के गौरव का अपमान बताया।
उन्होंने कहा, “अकबर को ‘महान’ कहना मूर्खता है।” दिलावर ने अकबर को मेवाड़ और राजस्थान का सबसे बड़ा शत्रु करार दिया और कहा कि वह व्यक्तिगत लाभ के लिए व्यापक हत्याओं का कारण बना था।
दिलावर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सभी कक्षाओं की किताबों की जांच की है और अभी तक अकबर को ‘महान’ कहने वाली कोई भी सामग्री नहीं पाई है। अगर ऐसा कुछ पाया गया, तो उन सभी किताबों को जला दिया जाएगा।
महाराणा प्रताप, जिन्हें मेवाड़ के रक्षक के रूप में याद किया जाता है, ने 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई में मुगल साम्राज्य के खिलाफ कड़ा प्रतिरोध किया था। यह लड़ाई राजस्थान के इतिहास में प्रतिरोध और वीरता के प्रतीक के रूप में मानी जाती है।
हल्दीघाटी की लड़ाई में, एक तरफ अकबर के भरोसेमंद सेनापति मानसिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल सेना थी, जबकि दूसरी तरफ मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप थे, जो मुगल विस्तार के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए दृढ़ थे। हालाँकि इस लड़ाई में मुगलों ने युद्धक्षेत्र पर नियंत्रण हासिल किया, लेकिन मेवाड़ पर उनका पूरा कब्जा नहीं हो सका। महाराणा प्रताप अपनी जान बचाकर भागने में सफल रहे और मुगलों के खिलाफ अपना प्रतिरोध जारी रखा।
इस ऐलान के बाद यह मुद्दा राजस्थान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का विषय बन गया है।