नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में 24 संसदीय समितियों का गठन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को विदेश मामलों की समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि दिग्विजय सिंह को महिला, शिक्षा, युवा और खेल मामलों की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य समिति का नेतृत्व रामगोपाल यादव करेंगे, और रक्षा मामलों की समिति के अध्यक्ष राधा मोहन दास अग्रवाल होंगे। विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी रक्षा मामलों की समिति का सदस्य बनाया गया है।
भाजपा के सांसद भर्तृहरि महताब को वित्त मामलों की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, सांसद निशिकांत दुबे को संचार और आईटी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है, जिसमें कंगना रनौत सदस्य के तौर पर शामिल हुई हैं। भाजपा नेता सीएम रमेश को रेल मामलों की समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
अन्य दलों की स्थिति
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और द्रमुक (डीएमके) को दो-दो समितियों की अध्यक्षता दी गई है, जबकि जनता दल (जेडीयू) और समाजवादी पार्टी (सपा) को एक-एक समिति की अध्यक्षता मिली है। जल संसाधन मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति के अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी होंगे। वाणिज्य मंत्रालय में यूसुफ पठान और शिक्षा मंत्रालय में हरभजन सिंह को सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही, चरणजीत सिंह चन्नी को कृषि मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
संसद की स्थायी समितियां क्या होती हैं?
संसद की स्थायी समितियां ऐसे समूह होते हैं जो विशेष विषयों या मंत्रालयों से जुड़े मामलों का गहन अध्ययन करती हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद होते हैं, और ये समितियां संसद के कामकाज को अधिक प्रभावी ढंग से करने में मदद करती हैं। ये समितियां सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों का विस्तृत अध्ययन करती हैं और सुधार के लिए सुझाव देती हैं। इसके अलावा, किसी भी मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध को दूर करने में भी इन समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
इस तरह, हालिया गठित समितियां न केवल संसद के कार्यों को सुचारु बनाने में मदद करेंगी, बल्कि विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा और समाधान खोजने में भी सहायक सिद्ध होंगी।