संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तकनीक के उपयोग पर भारत की सराहना की है। UN का कहना है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में लोग सिर्फ स्मार्टफोन के माध्यम से बिलों का भुगतान करने में सक्षम हो गए हैं, जिससे 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
डिजिटाईजेशन का प्रभाव:
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने डिजिटाईजेशन की दिशा में भारत के काम की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 5-6 सालों में लगभग 800 मिलियन यानी 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे ग्रामीण इलाकों में लोग सिर्फ स्मार्टफोन के टच से बिलों का भुगतान कर सकते हैं।
इंटरनेट की पहुँच और बिजनेस में सुधार:
फ्रांसिस ने भारत में इंटरनेट की अच्छी पहुँच की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “भारत में ग्रामीण किसान, जिनका कभी बैंकिंग सिस्टम से कोई संबंध नहीं था, अब किसी भी बिजनेस को अपने स्मार्टफोन पर चला सकते हैं। वे अपने बिलों का भुगतान करते हैं और ऑर्डर के लिए पैसे रिसीव करते हैं। 800 मिलियन लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं क्योंकि भारत में इंटरनेट की पहुँच बहुत अच्छी है। लगभग हर किसी के पास सेलफोन है।” उन्होंने दुनिया भर में तकनीकी समानता के लिए पहल करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
JAM योजना के लाभ:
पिछले 10 वर्षों में डिजिटाईजेशन नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य फोकस रहा है। देश में डिजिटल भुगतान लेनदेन में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें यूपीआई का सबसे बड़ा योगदान है। सरकार की JAM योजना (जन धन, आधार और मोबाइल) ने डिजिटाईजेशन के उपयोग को बढ़ावा दिया है। इसके तहत लोगों को बैंक खाता खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया और हर खाते को आधार से जोड़ा गया। इससे देश भर में लोगों को, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ना आसान हो गया है।
इस प्रकार, भारत ने स्मार्टफोन और इंटरनेट की मदद से गरीबों के जीवन में सुधार किया है और उन्हें एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया है।