हेमंत सोरेन के भूमि घोटाले में गिरफ्तारी और जमानत का टाइमलाइन

Timeline of arrest and bail in Hemant Soren's land scam

भूमिका: हेमंत सोरेन, जो झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हैं, पर 2024 में भूमि घोटाले के आरोप लगाए गए थे। इस घोटाले से जुड़े कई घटनाक्रम और आरोप सामने आए, जिनमें भूमि लेनदेन में अनियमितताओं का आरोप प्रमुख था। इस लेख में उनके भूमि घोटाले से जुड़ी प्रमुख घटनाओं का एक संक्षिप्त कालक्रम प्रस्तुत किया गया है।

भूमि घोटाले का टाइमलाइन

29 जनवरी 2024: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन के खिलाफ भूमि घोटाले की जांच शुरू की। उन्होंने सोरेन को “गायब” और “लापता” घोषित कर दिया, क्योंकि उन्हें दिल्ली स्थित उनके निवास से गायब पाया गया था। जांच के दौरान, यह खुलासा हुआ कि सोरेन पिछले 9 सम्मनों को नज़रअंदाज कर चुके थे।

30 जनवरी 2024: हेमंत सोरेन झारखंड की राजधानी रांची में अपने आधिकारिक निवास पर लौटे। उन्होंने अपने समर्थकों के बीच रहने की बात कही और अपनी अनुपस्थिति पर सफाई दी। साथ ही, उन्होंने इस घटना को केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया, जिसे विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला।

31 जनवरी 2024: ईडी ने हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले में गिरफ्तार कर लिया और उन्होंने झारखंड के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा। इस गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी। इसी समय, चम्पई सोरेन को उनका स्थान लेते हुए झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

2 फरवरी 2024: चम्पई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सरकार में कार्यभार संभाला। यह नियुक्ति हेमंत सोरेन के गिरफ्तारी और इस्तीफे के तुरंत बाद हुई, ताकि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को कम किया जा सके।

28 जून 2024: झारखंड उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन को इस घोटाले के मामले में जमानत दे दी, जिसके बाद वे जेल से रिहा हुए। इस रिहाई ने उनके राजनीतिक करियर को एक नई दिशा दी और राज्य की राजनीति में उनकी वापसी का रास्ता साफ किया।

3 जुलाई 2024: चम्पई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे हेमंत सोरेन की पुनः वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ। हेमंत सोरेन ने अपने समर्थकों और राजनीतिक सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

4 जुलाई 2024: हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली और अपने कार्यकाल की पुनः शुरुआत की। उनकी इस वापसी ने राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया, जहां उन्होंने अपने पद का फिर से कार्यभार संभाला।

हेमंत सोरेन के भूमि घोटाले का यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहा, जिसमें उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई को प्रतिशोधी बताया। जमानत पर रिहाई और उनके मुख्यमंत्री पद पर पुनः वापसी ने राज्य में उनकी लोकप्रियता को और अधिक बढ़ाया। इस घोटाले के परिणामस्वरूप झारखंड की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली, जिसमें उनकी भूमिका, कार्यशैली और राजनैतिक रणनीतियां सुर्खियों में रहीं।