गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और जलंधर से कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगभग 35 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विवाद की शुरुआत:
- चरणजीत सिंह चन्नी: बजट पर चर्चा के दौरान, चन्नी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश की संपत्तियों को बेच रही है। उन्होंने सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की और कहा कि सत्ता पक्ष देश के उद्योगों पर अपने लोगों का कब्जा करवा रहा है।
- रवनीत बिट्टू: इस बीच, केंद्रीय राज्य रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने टिप्पणी की, जिसके जवाब में चन्नी ने बिट्टू के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की। उन्होंने बिट्टू के पिता की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर गलती की थी।
नोकझोंक का विस्तार:
- बिट्टू का पलटवार: बिट्टू ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके दादा सरदार बेअंत सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी थी, न कि कांग्रेस के लिए। उन्होंने चन्नी पर हजारों करोड़ की संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
- सभापति का हस्तक्षेप: पीठासीन सभापति संध्या राय ने चन्नी को व्यक्तिगत टिप्पणी न करने की चेतावनी दी। हंगामे के बीच विपक्ष के सांसद आसंदी तक पहुंच गए थे।
नोकझोंक के बाद की कार्यवाही:
- सदन की स्थगित: हंगामे के कारण कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
- विवाद का समाधान: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के भाषणों की जांच की जाए और आपत्तिजनक शब्दों को हटाया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को सदन की मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी।
- बैठक: सरकार और लोकसभा अध्यक्ष के कक्ष में हुई बैठक के बाद विवाद शांत हुआ।
प्रमुख बिंदु:
- चन्नी की टिप्पणी: देश की संपत्तियों की बिक्री और ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना।
- बिट्टू का पलटवार: चन्नी पर भ्रष्टाचार और संपत्ति के आरोप।
- सभापति का हस्तक्षेप: व्यक्तिगत टिप्पणी न करने की चेतावनी।
- राजनाथ सिंह का सुझाव: भाषणों की जांच और आपत्तिजनक शब्दों को हटाने का सुझाव।
- विवाद का समाधान: बैठक के बाद विवाद शांत हुआ।
इस घटना ने संसद के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया और बजट पर चर्चा के दौरान व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के स्तर तक पहुंचा दिया।