वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल कर समाप्त करने की घोषणा की।
एंजल कर क्या है?
एंजल कर वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है, यदि उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक होता है।
बजट में एंजल कर समाप्ति का प्रस्ताव
अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
डीपीआइआइटी की सिफारिश
केंद्रीय बजट से पहले, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) ने स्टार्टअप पर इस शुल्क को हटाने की सिफारिश की थी। पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग ने नए एंजल कर नियमों को अधिसूचित किया था, जिसमें गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप द्वारा निवेशकों को जारी किए गए शेयरों के मूल्यांकन की व्यवस्था शामिल थी।
अन्य कर बदलाव
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ई-कामर्स कंपनियों और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में बदलावों की भी घोषणा की है।
एंजल कर की समाप्ति से स्टार्टअप कंपनियों को पूंजी जुटाने में आसानी होगी और निवेशकों के लिए आकर्षण बढ़ेगा, जिससे भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत किया जा सकेगा।