वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए 90,958.63 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 80,517.62 करोड़ रुपए से 12.96% अधिक है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैंसर के उपचार के लिए तीन दवाओं—ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब, और डुरवालुमैब—पर सीमा शुल्क में छूट की घोषणा की है। इसके अलावा, मेडिकल एक्स-रे मशीनों के लिए एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर मूल सीमा शुल्क (BCD) में बदलाव का प्रस्ताव भी किया गया है।
आयुष मंत्रालय के बजट को 3,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3,712.49 करोड़ रुपए कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के कुल 90,958.63 करोड़ रुपए में से 87,656.90 करोड़ रुपए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को और 3,301.73 करोड़ रुपए स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत योजनाओं के लिए बजट आवंटन को 77,624.79 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 87,656.90 करोड़ रुपए कर दिया गया है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए बजट 31,550.87 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 36,000 करोड़ रुपए और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के लिए 6,800 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7,300 करोड़ रुपए किया गया है।
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए बजट को 65 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 90 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जबकि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिए आबंटन पहले की तरह 200 करोड़ रुपए ही है।
स्वायत्त निकायों के बजट में भी वृद्धि की गई है। एम्स, नई दिल्ली के लिए आबंटन 4,278 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4,523 करोड़ रुपए किया गया है, और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के लिए 2,295.12 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2,732.13 करोड़ रुपए कर दिया गया है।