मणिपुर में हिंसा का दौर जारी: अगवा किए गए तीन मैतेई समुदाय के लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई सामने

इंफाल: मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को अगवा किए गए छह मैतेई समुदाय के लोगों में से तीन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट रविवार को सार्वजनिक की गई। रिपोर्ट ने राज्य में बढ़ते तनाव को और गहरा दिया है। रिपोर्ट में पाया गया कि तीन साल के बच्चे चिंगखेंगनबा सिंह के सिर में नजदीक से गोली मारी गई थी, जिससे उसका दिमाग और दाहिनी आंख गायब हो गई।

अपराध और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के खुलासे

  • अगवा किए गए छह लोगों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। इनमें से तीन शवों की रिपोर्ट आई है।
  • दो महिलाओं को कई बार गोली मारे जाने के प्रमाण मिले हैं।
  • चिंगखेंगनबा के शरीर पर चाकू के गहरे घाव और हाथ में फ्रैक्चर पाया गया है।

शिक्षण संस्थानों पर प्रभाव

राज्य सरकार ने हिंसा के मद्देनजर इंफाल वैली और जिरीबाम के पांच जिलों में स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश वापस ले लिया। पहले इन्हें सोमवार से खोलने की योजना थी।

घटना का विवरण

11 नवंबर को जिरीबाम में सुरक्षाबलों ने 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद उग्रवादियों ने एक मैतेई परिवार के छह लोगों को अगवा कर लिया था। 16 नवंबर को इन लोगों के शव नदी में पाए गए।

राजनीतिक और सुरक्षा स्थितियां

  • मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घटनाओं पर शर्म व्यक्त की और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
  • नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने मुख्यमंत्री को हटाने की मांग करते हुए भाजपा से समर्थन वापस लेने की घोषणा की।
  • राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) की 288 कंपनियां तैनात हैं।

भविष्य की चुनौतियां

मणिपुर में नवंबर के दौरान हिंसा की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। बढ़ते तनाव और राजनीतिक अस्थिरता के चलते शांति बहाल करना सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है।

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