झारखंड में सियासी घमासान: हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर उठे सवाल, लीक चिट्ठी से कांग्रेस पर भरोसे का संकट
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा हाल ही में मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का आवंटन, कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गठबंधन के लिए चुनौती बन गया है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के विभागों को लेकर एक गोपनीय चिट्ठी लीक होने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस घटना ने गठबंधन में गोपनीयता और आपसी विश्वास को गहरी चोट पहुंचाई है।
Jharkhand Cabinet Ministers List
चिट्ठी लीक ने बढ़ाया सियासी बवाल
गुरुवार को झारखंड मंत्रिमंडल में चार नए मंत्री शामिल किए गए, जिनमें राधाकृष्ण किशोर, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, और शिल्पी तिर्की कांग्रेस के कोटे से थे। इसके अगले ही दिन, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से भेजी गई गोपनीय चिट्ठी सार्वजनिक हो गई, जिसमें इन मंत्रियों के लिए विभागों का विवरण था।
हालांकि, मंत्रियों को आवंटित विभाग इस चिट्ठी में उल्लेखित विभागों से भिन्न रहे, लेकिन इससे गठबंधन के बीच गोपनीयता और समन्वय पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। JMM और कांग्रेस के बीच पहले से चल रही अंदरूनी खींचतान को इस लीक ने और अधिक तूल दे दिया है।
कांग्रेस नेतृत्व पर उठे सवाल
चिट्ठी लीक होने के बाद कांग्रेस की राज्य इकाई की अपरिपक्वता और अंदरूनी खींचतान उजागर हुई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना कांग्रेस के अंदर वरीयता और नेतृत्व के संकट की ओर इशारा करती है।
राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की चिट्ठी राज्य कांग्रेस के शीर्ष पदाधिकारियों तक पहुंची थी। लेकिन इसे सार्वजनिक कर दिए जाने से स्पष्ट होता है कि पार्टी के भीतर अनुशासन और गोपनीयता बनाए रखने में कमी है।
विभाग आवंटन में लॉबिंग और खींचतान
मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के आवंटन में देरी की मुख्य वजह कांग्रेस विधायकों के बीच मंत्री बनने की होड़ और लॉबिंग मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के विधायक दिल्ली में लगातार दौड़-भाग करते रहे। सीमित कोटे के चलते विभागों को लेकर भारी खींचतान देखने को मिली।
एक गोपनीय चिट्ठी को लीक कर दबाव बनाने की रणनीति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विशेषाधिकारों को भी चुनौती दी है। यह घटना गठबंधन में समन्वय और परस्पर विश्वास की कमी को दर्शाती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की नाराजगी
कांग्रेस की इस हरकत ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेताओं को नाराज कर दिया है। JMM के खेमे में इस बात पर असंतोष है कि गठबंधन में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सरकार की छवि को धूमिल कर रही है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “कांग्रेस की यह लापरवाही और अनुशासनहीनता गठबंधन के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। यह मुद्दा गठबंधन की बैठकों में प्रमुखता से उठेगा।”
गठबंधन पर संकट के बादल
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच मतभेद सामने आए हैं। लेकिन इस बार गोपनीयता भंग होने से दोनों दलों के बीच विश्वास का संकट और गहरा गया है। कांग्रेस के अंदरूनी कलह और नेतृत्व की कमजोरी के कारण गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हेमंत सोरेन की रणनीति और आगे की राह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह इस घटना को सुलझाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व से बात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि इस विवाद का असर सरकार के समन्वय और आगामी नीतिगत फैसलों पर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस की चिट्ठी लीक होने से न केवल गठबंधन की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह घटना राज्य की राजनीति में कांग्रेस की कमजोर स्थिति और JMM की बढ़ती नाराजगी को भी उजागर करती है। आने वाले दिनों में इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों दलों के बीच गंभीर बातचीत की जरूरत होगी।