“भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव: ट्रंप के विवादित कदम और मोदी सरकार की चुप्पी”

हाल ही में, अमेरिका द्वारा 104 भारतीय नागरिकों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट से वापस भेजे जाने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों पर सवाल उठने लगे हैं। इन भारतीयों में से कुछ का कहना था कि उन्हें बेड़ियां लगाकर भेजा गया, जिससे इस कार्रवाई को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।

यह घटना तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब यह देखा जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्ते सामान्य और गर्मजोशी से भरे हुए हैं। नवंबर 2020 में जब ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की, तो भारत ने उनका स्वागत किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह तक कहा था कि भारत ट्रंप की जीत को लेकर नर्वस नहीं है, बल्कि मोदी और ट्रंप के अच्छे संबंध भारत के लिए फायदेमंद होंगे। साथ ही, यह भी कहा गया था कि अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में बदलाव हो सकता है, खासकर अगर अमेरिका चीन पर अधिक टैरिफ लगाए तो भारत को इसका फायदा हो सकता है।

हालांकि, अब जिस तरीके से अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय नागरिकों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट से वापस भेजा, उससे सवाल उठ रहे हैं। इन नागरिकों के साथ बदसलूकी के आरोप सामने आ रहे हैं, और भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जबकि कोलंबिया जैसे देशों ने इस तरह की कार्रवाई पर विरोध जताया था। समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने यह सवाल उठाया है कि पीएम मोदी को इस अपमान पर अमेरिका से जवाब क्यों नहीं माँगना चाहिए।

यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई कड़ी जोड़ सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति और अमेरिकी प्रशासन के साथ भारत के संबंधों पर यह सवाल खड़ा कर रही है कि भारत अपने हितों की रक्षा करने के लिए सही कदम क्यों नहीं उठा रहा है।