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पटना के अस्पताल में दिनदहाड़े बक्सर का ‘शेरू’ चंदन मिश्रा मारा गया, गैंगवार की परतें खुलीं

Published on July 17, 2025 by Priti Kumari

पटना। बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में गुरुवार दोपहर हुई गोलीबारी की वारदात ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। बक्सर का कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा, जिसे इलाके में ‘शेरू’ के नाम से जाना जाता था, को पांच हथियारबंद बदमाशों ने अस्पताल के ICU में घुसकर गोलियों से भून दिया। यह सनसनीखेज वारदात न सिर्फ अपराध जगत बल्कि प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में भी भारी विवाद का विषय बन गई है।

चंदन मिश्रा कौन था?

चंदन मिश्रा, बक्सर जिले का रहने वाला था और पिछले करीब डेढ़ दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। हत्या, रंगदारी, डकैती जैसे संगीन मामलों में उसका नाम शामिल रहा। सबसे चर्चित मामला था चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की हत्या, जिसके कारण उसे आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी। हालांकि जेल में रहते हुए भी वह अपने गैंग को चला रहा था। फरवरी 2020 में पटना हाईकोर्ट ने उसे एक मामले में सजा दी थी, और कुछ समय पहले वह भागलपुर जेल से पटना की बेउर जेल शिफ्ट हुआ था। पैरोल पर रिहाई के दौरान वह अस्पताल में भर्ती था।

वारदात का पूरा मामला

पैरोल अवधि समाप्त होने से एक दिन पहले यानी 17 जुलाई को, चंदन मिश्रा का इलाज चल रहा था। तभी पांच बदमाश बाइक पर आए और सीधे ICU में घुस गए। उन्होंने बिना किसी रोक-टोक के फायरिंग शुरू कर दी। चंदन को लगी कई गोलियां मौके पर ही उसकी जान ले गईं। वारदात के दौरान अस्पताल का सुरक्षा घोर लचर साबित हुआ, क्योंकि इतने बड़े अपराधी को खुलेआम अस्पताल में मार दिया गया।

CCTV फुटेज में बदमाशों को हथियार लेकर अस्पताल में घुसते और वारदात के बाद बाइक से फरार होते देखा गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश में जुट गई है।

पुलिस और प्रशासन की चुनौती

पटना पुलिस ने मामले की जांच तेज़ कर दी है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। परंतु इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “अगर अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर अपराधी की खुलेआम हत्या हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा पर भरोसा कैसे किया जाए?” साथ ही कई नेताओं ने इस कांड के बाद बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठाई है।

गैंगवार की परतें

प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि चंदन मिश्रा की हत्या उसकी प्रतिद्वंदी गैंग के बदले की कार्रवाई हो सकती है। पिछले कई सालों से बक्सर समेत पूरे बिहार में गैंगवार जारी है, जिसमें कई निर्दोष लोग भी अपनी जान गंवा चुके हैं। यह वारदात इन गैंगवारों की भयावहता को फिर से उजागर करती है।

समाज और परिवार पर असर

चंदन मिश्रा के परिवार वाले और उनके करीबी इस हत्या से स्तब्ध हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे चाह रहे थे कि वह पैरोल के दौरान अपने अपराधों को छोड़ कर सही रास्ते पर आए। लेकिन गैंगवार की राजनीति ने उनके परिवार के लिए एक और दुख का कारण पैदा कर दिया।

पटना के पारस अस्पताल में हुई यह हत्या न सिर्फ एक अपराधी की मौत है, बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था की पोल खोलने वाली घटना भी है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य में अपराध और गैंगवार कितनी भयावह स्थिति तक पहुंच चुके हैं।

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