पटना: बिहार की राजधानी पटना में चंदन मिश्रा हत्याकांड ने जहां एक ओर पूरे शहर को हिला कर रख दिया, वहीं अब इस मामले में पटना पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बड़ी सफलता हासिल की है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों एजेंसियों की संयुक्त टीम ने पश्चिम बंगाल में दबिश देकर इस सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या है मामला?
चंदन मिश्रा की हत्या पिछले सप्ताह पटना के चर्चित पारस अस्पताल के पास हुई थी। दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने न सिर्फ राजधानी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि आम लोगों के मन में दहशत भी फैला दी। शुरुआती जांच में सामने आया था कि यह कोई साधारण आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित साजिश थी।
पुलिस और STF की संयुक्त कार्रवाई
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पटना पुलिस को जांच के दौरान अहम सुराग मिले थे कि हत्या में शामिल कुछ आरोपी घटना के तुरंत बाद राज्य से फरार होकर पश्चिम बंगाल भाग गए थे। इसके बाद STF को इस अभियान में शामिल किया गया और एक विशेष टीम गठित कर पश्चिम बंगाल रवाना किया गया।
लगातार निगरानी, मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग और स्थानीय पुलिस की मदद से आखिरकार आरोपियों को गुप्त ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई न केवल तेजी से की गई, बल्कि गोपनीयता का भी विशेष ध्यान रखा गया।
जांच में सामने आ रहे नए तथ्य
पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शुरुआती बयान और सबूतों के आधार पर माना जा रहा है कि चंदन मिश्रा की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश, जमीन विवाद या अन्य आर्थिक कारण हो सकते हैं। हालांकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक रूप से इन बिंदुओं की पुष्टि नहीं की है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई के बाद आम लोगों और कानून व्यवस्था पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने पुलिस और STF की सराहना की है। उनका कहना है कि इस तरह की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से न केवल अपराधियों में भय का माहौल बनेगा, बल्कि जनता का पुलिस पर विश्वास भी बढ़ेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार कहते हैं, "ऐसे मामलों में जब पुलिस तेजी से और सही दिशा में काम करती है, तो न्याय की प्रक्रिया सशक्त होती है। यह कार्रवाई अपराधियों को सख्त संदेश देती है कि वे कितनी भी दूर भाग जाएं, कानून के हाथ लंबे हैं।"
सरकार की भी नजर
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार पुलिस मुख्यालय भी इस केस की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राज्य सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि ऐसे हाई-प्रोफाइल मामलों में कोई ढील न बरती जाए, ताकि अपराधियों को कानून का डर बना रहे।