बिहार सरकार ने चुनाव से पहले आशा (ASHA) और ममता वर्कर्स के वेतन में बढ़ोतरी करने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधिकारिक तौर पर इस नई योजना की घोषणा की है।
नए वेतन का क्या है प्रावधान?
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पहले आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 रुपए महीने मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है।
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ममता कार्यकर्ताओं को भी पहले मिलने वाली राशि से ज्यादा भुगतान किया जाएगा (अधिक जानकारी के लिए लिंक पर जा सकते हैं)।
यह क्यों अहम है?
आशा और ममता वर्कर्स स्वास्थ्य और मातृत्व से जुड़ी सेवाओं के लिए अहम कड़ी हैं। वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को हेल्थ संबंधी सहायता और जागरूकता प्रदान करती हैं।
उनका काम सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को सफल बनाने में बेहद जरूरी है।
चुनाव से पहले बढ़ी यह सैलरी क्यों?
चुनाव से पहले यह फैसला उनकी मेहनत और योगदान को सम्मान देने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए भी लिया गया है। साथ ही इससे पार्टी को चुनावी मैदान में समर्थन मिलने की संभावना भी बढ़ेगी।
नीतीश कुमार का कहना:
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गरीब और मेहनतकश वर्ग के साथ खड़ी है और उनकी हालत सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। आशा और ममता वर्कर्स की भूमिका बिहार के विकास में अहम है, इसलिए यह वेतन बढ़ाना जरूरी था।
आपकी राय क्या है?
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क्या आपको लगता है यह वेतन बढ़ोतरी वर्कर्स के लिए पर्याप्त है?
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इससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में कितना सुधार होगा?
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क्या चुनाव से पहले ऐसा कदम अन्य राज्यों में भी उठाया जाता है?
अगर चाहें तो इस पर और चर्चा कर सकते हैं!