शेख हसीना के हटने के बाद हिंसा की लहर: बांग्लादेश के हिंदू नेताओं का दावा है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से हिंदू समुदाय को गंभीर हिंसा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को हसीना की सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमले और धमकियाँ हुई हैं। इन हमलों में हिंदू मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया है, और कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ सामने आई हैं।
यूनुस सरकार का हॉटलाइन केंद्र: नवगठित मोहम्मद यूनुस सरकार ने बढ़ती हिंसा के मद्देनजर एक हॉटलाइन केंद्र स्थापित किया है। इस हॉटलाइन के माध्यम से लोग हिंदू मंदिरों, गिरजाघरों या अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले हमलों की जानकारी प्रदान कर सकते हैं। धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने लोगों से आग्रह किया है कि किसी भी हमले की सूचना हॉटलाइन नंबर पर दें ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
हिंसा की प्रकृति और आरोप: बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के सदस्यों ने कहा कि शेख हसीना के निष्कासन के बाद हिंदू समुदाय पर बर्बरता, लूटपाट, आगजनी और जमीन पर कब्जा करने की घटनाएँ बढ़ गई हैं। एलायंस के प्रवक्ता पलाश कांति डे ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ व्यक्तियों पर हमला नहीं बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है। उन्होंने बताया कि हिंदू समुदाय को देश छोड़ने की धमकियाँ भी मिल रही हैं।
सरकारी आश्वासन और प्रतिक्रिया: ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, गृह मामलों के सलाहकार एम सखावत हुसैन ने हिंसा के मामलों को आगामी कैबिनेट बैठक में उठाने का आश्वासन दिया है। यूनुस सरकार की ओर से हॉटलाइन स्थापित करने की पहल को हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को संबोधित करने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सारांश: शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिनमें कई धार्मिक स्थल और व्यक्तियों को निशाना बनाया गया है। इस स्थिति को संभालने के लिए यूनुस सरकार ने एक हॉटलाइन केंद्र स्थापित किया है, जिसमें लोग हिंसा की सूचना दे सकते हैं। सरकार ने हिंसा के मामलों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है, लेकिन हिंदू समुदाय के नेता स्थिति की गंभीरता को लेकर चिंतित हैं।