23 सितंबर को, AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने मुंबई की ओर एक विशाल रैली का आयोजन किया। यह रैली रामगिरि महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर निकाली गई थी, जिसमें हजारों समर्थकों ने भाग लिया। यह तिरंगा संविधान रैली, जो औरंगाबाद से मुंबई तक फैली, एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना बन गई।
रैली में शामिल होने वालों की संख्या एक लाख के करीब बताई जा रही है। इम्तियाज जलील ने इस मौके पर रामगिरी महाराज और नितेश राणे पर सांप्रदायिक बयान देने का आरोप लगाया, जिससे तनाव बढ़ा हुआ है। जलील ने अपने समर्थकों को एकजुट करते हुए एक मजबूत संदेश दिया कि वे न्याय की मांग के लिए एकजुट हैं।
इस रैली का उद्देश्य न केवल गिरफ्तारी की मांग करना था, बल्कि समाज में एकता का संदेश फैलाना भी था। यह घटना यह दर्शाती है कि AIMIM के नेता किस प्रकार अपने समर्थकों को प्रेरित कर सकते हैं। चलिए, इस आंदोलन की पूरी कहानी को समझते हैं।