कांग्रेस की पहली सूची में गैर जाट राजनीति काटने का प्रयास

भाजपा की ओर से जारी प्रत्याशियों की पहली सूची में जहां एक ओर गैर जाटों को तरजीह दी गई तो वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस की पहली सूची में जाटों व दलितों को सबसे ऊपर रखने का नया समीकरण गढ़ने का प्रयास नजर आता है जहां इन दोनों जातियों के नेताओं को सर्वाधिक टिकट दिए गए हैं। कांग्रेस ने सर्वाधिक भरोसा जाट चेहरों पर जताया है। गढ़ी-सांपला किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, जुलाना से विनेश फोगाट और गोहाना से जगबीर मलिक सहित जाट बिरादरी के नौ नेताओं को टिकट देकर इस वर्ग की भाजपा के प्रति नाराजगी को भुनाने का प्रयास किया गया लगता है व अनुसूचित जाति को जाटों के समकक्ष रखा गया। होडल से पांच साल पूर्व चुनाव हारे एवं पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उदय भान को फिर से टिकट दी गई है। जून में संपन्न लोकसभा चुनाव में हरियाणा की दोनों आरक्षित सीट यानी सिरसा व अंबाला में पार्टी जीती थी। राज्य की 17 आरक्षित विधानसभा सीटों में से 11 पर कांग्रेस आगे रही थी। कांग्रेस ने नौ दलित चेहरों को मैदान में उतारा है। पहली सूची में राव दान सिंह, चिरंजीव राव, बिशन लाल सैनी और सोनीपत से सुरेंद्र पंवार जैसे सात ओबीसी को टिकट देकर कांग्रेस ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह केवल एक जाति की पार्टी नहीं। इसके अलावा भाजपा की गैर जाट राजनीति का भी तोड़ निकालने का प्रयास किया गया है। पहली सूची में फिरोजपुर झिरका से मामन खान, पुन्हाना से मुहम्मद इलियास और नूंह से आफताब अहमद सहित तीन मुस्लिम चेहरों को शामिल किया गया है। कांग्रेस ने ब्राह्मण, पंजाबी व सिख चेहरों को भी प्रतिनिधित्व दिया। बादली से कुलदीप वत्स व फरीदाबाद एनआइटी से नीरज शर्मा ब्राह्मण चेहरे हैं। रोहतक से भारत भूषण बत्रा पंजाबी व असंध से शमशेर सिंह गोगी सिख समुदाय से आते हैं।

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