चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है, जो इन राज्यों के राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए विवरण के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा दोनों राज्यों के लिए चुनावी प्रक्रिया का विस्तृत शेड्यूल घोषित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर को होगी, दूसरे चरण की 25 सितंबर को, और तीसरे चरण की वोटिंग 1 अक्टूबर को होगी। चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटों की संरचना: 2014 के विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से 4 लद्दाख के लिए आरक्षित थीं। लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने के बाद, 83 सीटें बच गई थीं। परिसीमन के बाद, 7 नई सीटें जोड़ी गईं—6 जम्मू और 1 कश्मीर में। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 43 सीटें जम्मू संभाग में और 47 कश्मीर संभाग में हैं। अनुसूचित जातियों के लिए 7 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटें आरक्षित हैं।
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद का पहला विधानसभा चुनाव: यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक महत्व का है, क्योंकि यह पहला विधानसभा चुनाव है जो अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हो रहा है। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में LG मनोज सिन्हा प्रशासन चला रहे हैं। चुनाव के बाद, नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की बजाय 5 साल का होगा।
हरियाणा में चुनाव
हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में 1 अक्टूबर को होंगे। चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
हरियाणा में 2019 का चुनाव परिणाम: 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 40 सीटें जीती थीं, जबकि बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता थी। इसके बाद भाजपा ने JJP के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि, JJP ने बाद में समर्थन वापस ले लिया और भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया। नायब सिंह सैनी को नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है।
महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखें त्योहारों के बाद घोषित की जाएंगी। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। भाजपा ने 106 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई। मई 2022 में, शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने बगावत की और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई और पार्टी दो गुटों में बंट गई। 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने NCP के 8 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
झारखंड में विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2024 के आसपास होने की संभावना है। 2019 के विधानसभा चुनावों में, JMM, कांग्रेस, और RJD के महागठबंधन ने सरकार बनाई थी। वर्तमान में, झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं और बहुमत के लिए 43 विधायकों की आवश्यकता है। गठबंधन के पास वर्तमान में 46 विधायक हैं। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और राज्य में 7 विधानसभा सीटें खाली हैं। जनवरी 2024 में हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्होंने 4 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
चुनाव आयोग की टिप्पणी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनावों की सफलता के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि लंबी कतारें और शांतिपूर्ण मतदान लोकतंत्र की ताकत को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश भर की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव समय आने पर घोषित किए जाएंगे। वायनाड सीट पर प्राकृतिक आपदा के कारण अभी उपचुनाव नहीं हो सकता।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने चुनाव की तारीखों की घोषणा को खुशी का दिन बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से अपनी सरकार की मांग कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने संसद में एक बयान दिया और बाहर दूसरा बयान दिया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा ने प्रशासन में फेरबदल की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की घोषणा के लिए अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस पर बुलाना पड़ा, जो दर्शाता है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा अचानक हुई है।
यह रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, और झारखंड के विधानसभा चुनावों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण विवरण और राजनीतिक परिदृश्य को प्रस्तुत करती है।