केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख फार जस्टिस’ (एसएफजे) पर भारत विरोधी गतिविधियों के कारण लगाया गया प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में बताया गया है कि एसएफजे को पांच साल पहले गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था, क्योंकि इसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक हैं।
एसएफजे उग्रवादी संगठन और कार्यकर्ताओं के सम्पर्क में है। यह संगठन भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत संघ से अलग करने के लिए गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और उनकी मदद कर रहा है। यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर अलगाववादी समूहों का समर्थन करता है और इसके लिए वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त है जिनकी मंशा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है। अधिसूचना में कहा गया है कि विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में एसएफजे की भूमिका को देखते हुए गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत लगाए गए प्रतिबंध को 10 जुलाई 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। बताया गया है कि अगर यह रोक नहीं लगाई जाती है तो यह संगठन भारत संघ क्षेत्र से खालीतान को अलग करने के प्रयासों सहित अपनी विध्वंसक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान गठन की वकालत करेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी भावनाओं को प्रचारित करेगा, जो कि देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
एसएफजे पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र- विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त है तथा इसका इरादा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करना है।