पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बुधवार सुबह रांची पहुंचे। 28 अगस्त को उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा, “हमने जो भी फैसला लिया है, झारखंड के हित में लिया है। हम संघर्ष करने वाले लोग हैं और पीछे नहीं हटेंगे।”
चंपाई सोरेन ने यह भी घोषणा की, “30 अगस्त को हम बीजेपी में शामिल होंगे। पार्टी हमें जो भी जिम्मेदारी देगी, उसी अनुसार हम काम करेंगे और झारखंड में विकास के साथ-साथ आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए कदम उठाएंगे।”
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा, “वे एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं और वरिष्ठ नेता भी हैं। उनके पार्टी में शामिल होने से हमें एक मजबूत साथी मिलेगा और हम बीजेपी के नेतृत्व में झारखंड को सुधारेंगे।”
चंपाई सोरेन ने 28 अगस्त को दिल्ली में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। शिवराज झारखंड के चुनाव प्रभारी भी हैं।
चंपाई सोरेन की जासूसी का आरोप:
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। सरमा ने कहा कि “चंपाई सोरेन की जासूसी की जा रही थी। दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो इस जासूसी में शामिल थे।” उन्होंने कहा कि “इन दोनों के नाम और तस्वीरें मेरे पास हैं, लेकिन मैं इसे सार्वजनिक नहीं कर रहा हूं क्योंकि वे किसी अन्य नक्सल ऑपरेशन या मामले की जांच में हो सकते हैं।”
इसके पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार रात सोशल मीडिया पर लिखा था, “चंपाई सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। वे रांची में आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल होंगे।”
चंपाई सोरेन को Z प्लस सुरक्षा:
रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह से 25 अगस्त को मुलाकात के बाद चंपाई सोरेन को Z प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। झारखंड पहुंचने के बाद वे इसी सुरक्षा घेरे में रहेंगे। चंपाई ने जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री पद संभाला और पांच महीने तक मुख्यमंत्री रहे। हेमंत सोरेन की जेल से बाहर आने के बाद, चंपाई ने 3 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था।
चंपाई सोरेन का बड़ा राजनीतिक कदम:
- 21 अगस्त: नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान। चंपाई ने कहा कि वे राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं, बल्कि एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं।
- 18 अगस्त: JMM से नाराजगी जाहिर की और विकल्पों पर विचार किया।
- 18 अगस्त: अचानक कोलकाता से दिल्ली पहुंचे और बीजेपी में शामिल होने की बात की।
इस दौरान, झारखंड मुक्ति मोर्चा में हलचल मच गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी की एकता दिखाई और विधायकों ने कहा कि वे उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
चंपाई सोरेन के सियासी कदम का प्रभाव:
चंपाई सोरेन, जो JMM के वरिष्ठ नेता हैं और झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में “कोल्हान टाइगर” के नाम से जाने जाते हैं, कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी को कोल्हान क्षेत्र में मजबूत पकड़ मिल सकती है।
असम सीएम ने झारखंड सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया: विशेष शाखा के पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी।
चंपाई सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने की बात की: उन्होंने अपने सामने तीन विकल्प रखे थे और अंततः बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया।