चंपाई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे: हेमंत सोरेन सरकार पर संकट, दिल्ली में अमित शाह से की मुलाकात

Champai Soren will go to Delhi again today, but this time the visit is different; speculations have intensified
Champai Soren will go to Delhi again today, but this time the visit is different; speculations have intensified

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि चंपाई सोरेन ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। वे जल्द ही रांची में आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे।

सूत्रों के अनुसार, 25 अगस्त को दिल्ली में अमित शाह से हुई बैठक के बाद चंपाई को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। झारखंड लौटने के बाद वे इसी सुरक्षा घेरे में रहेंगे। चंपाई 28 अगस्त को झारखंड कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं।

चंपाई सोरेन, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख आदिवासी नेता हैं, ने 5 महीने के लिए झारखंड की मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी। वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद, चंपाई ने उनकी जगह ली थी। हालांकि, हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई के बाद, चंपाई ने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद संभालने वाले चंपाई ने 3 जुलाई को इस्तीफा दिया था।

अगस्त में, चंपाई ने एक पत्र के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि उनके इस्तीफे के तरीके ने उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई थी।

भाजपा को चंपाई सोरेन से क्या मिलेगा फायदा?

चंपाई सोरेन झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में “कोल्हान टाइगर” के नाम से जाने जाते हैं और वहां की 14 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है। भाजपा को चंपाई की उपस्थिति से इन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिल सकती है। चंपाई के बाद, झामुमो के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो उनके कद का हो। जब हेमंत सोरेन जेल गए थे, तो चंपाई को ही मुख्यमंत्री बनाया गया था। भाजपा को उनकी मौजूदगी से कोल्हान क्षेत्र में निश्चित रूप से लाभ होगा।

चंपाई सोरेन की राजनीतिक यात्रा की तीन महत्वपूर्ण तिथियां

21 अगस्त: नई पार्टी बनाने का ऐलान
चंपाई सोरेन ने 21 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की और कहा कि वे राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे नए रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं।

20 अगस्त: झामुमो से नाराजगी का इजहार
चंपाई ने 20 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से झामुमो से अपनी नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें सम्मानपूर्वक पद से हटाया नहीं गया था।

18 अगस्त: दिल्ली यात्रा और तीन विकल्प
18 अगस्त को चंपाई सोरेन अचानक कोलकाता से दिल्ली पहुंचे और भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि वे जहां हैं, वहीं रहेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि अब उनके पास तीन ही विकल्प हैं: संन्यास, नया संगठन, या किसी के साथ चलना।

झामुमो में उथल-पुथल और एकता प्रदर्शन

चंपाई के बयान से झामुमो में हलचल मच गई थी। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी की एकता का प्रदर्शन किया। उन विधायकों, जो चंपाई के साथ बताए जा रहे थे, ने मुख्यमंत्री हाउस जाकर हेमंत सोरेन से मुलाकात की और पार्टी के साथ अपनी मजबूती जताई।

झारखंड का “टाइगर” कहे जाने वाले चंपाई सोरेन

चंपाई सोरेन को झारखंड का “टाइगर” कहा जाता है, और उनकी राजनीतिक यात्रा ने झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाजपा में उनका शामिल होना राज्य की राजनीति को नया मोड़ दे सकता है।

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