रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि वे अगले दो दिनों में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का फैसला अब जनता की अदालत करेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी के विधायक दो-तीन दिनों के भीतर नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।
केजरीवाल ने यह भी बताया कि उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया भी अपने पद से इस्तीफा देंगे, और दोनों नेता दोबारा चुनाव जीतने के बाद ही पद ग्रहण करेंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ऊपर बेईमानी और भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए गए हैं और अब जनता उनकी ईमानदारी का फैसला करेगी।
अपने संबोधन के दौरान केजरीवाल ने भगत सिंह की “जेल डायरी” दिखाते हुए इसे अपनी मौजूदा स्थिति से जोड़ा और कहा कि वे भी एक क्रांतिकारी की तरह अन्याय का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इसे अपनी “अग्नि परीक्षा” करार दिया और कहा कि जब तक चुनाव नहीं होते और जनता का फैसला नहीं आता, वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आगे क्या होगा?
- नया मुख्यमंत्री: आम आदमी पार्टी अगले कुछ दिनों में नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी। संभावित नामों में आतिशी, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, और सुनीता केजरीवाल शामिल हैं।
- केजरीवाल का अगला कदम: इस्तीफा देने के बाद, केजरीवाल का ध्यान अब हरियाणा विधानसभा चुनाव पर केंद्रित होगा, जहां आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी AAP हिस्सा ले रही है, और केजरीवाल का फोकस राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार पर होगा।
- शराब नीति मामला: दिल्ली की शराब नीति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते केजरीवाल 177 दिनों तक जेल में रहे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठने या किसी आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं है, जिससे उनके पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं बची है।
केजरीवाल के भाषण के मुख्य संदेश:
- भगत सिंह की विरासत: केजरीवाल भगत सिंह की “जेल डायरी” लेकर आए और अपनी स्थिति की तुलना भगत सिंह से की, यह कहते हुए कि जैसे भगत सिंह को अंग्रेजों ने गलत तरीके से निशाना बनाया था, वैसे ही वे भी निशाने पर हैं।
- अग्नि परीक्षा: केजरीवाल ने अपनी स्थिति की तुलना माता सीता से की, जिन्हें अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उनकी ईमानदारी और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की परीक्षा हो रही है।
- गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री इस्तीफा न दें: उन्होंने सभी गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों से अपील की कि अगर उन्हें जेल भेजा जाता है, तो वे इस्तीफा न दें। उन्होंने कहा कि सभी को एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहिए।
- जल्द चुनाव की मांग: केजरीवाल ने मांग की कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव, जो फरवरी 2025 में होने वाले हैं, उन्हें नवंबर 2024 में महाराष्ट्र चुनाव के साथ कराया जाए ताकि जनता जल्दी फैसला कर सके।
केजरीवाल के इस्तीफे के निहितार्थ:
- पावर के बिना मुख्यमंत्री: सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, जमानत मिलने के बावजूद केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने या किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं है। यानी कि वे पद पर बने रहते हुए भी सत्ता विहीन हैं।
- चुनाव में पांच महीने का समय: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में समाप्त हो रहा है, जिसका मतलब है कि चुनाव में केवल पांच महीने का समय बचा है। केजरीवाल शायद जनता की सहानुभूति को जल्द से जल्द भुनाने के लिए चुनाव जल्दी कराना चाहते हैं।
- बीजेपी के इस्तीफे की मांग का जवाब: दिल्ली शराब नीति केस के बाद बीजेपी के नेताओं ने लगातार केजरीवाल से इस्तीफा देने की मांग की थी। अब, केजरीवाल ने खुद इस्तीफे की घोषणा कर दी है, जिससे वे बीजेपी के हमलों का जवाब दे सकते हैं।
राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रिया:
- BJP: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जनता ने पहले ही केजरीवाल का फैसला कर दिया है, जैसा कि MCD चुनाव में AAP को कोई सीट नहीं मिली थी।
- कांग्रेस: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल के इस्तीफे को “नौटंकी” करार देते हुए कहा कि उन्होंने बहुत पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था।
- AAP: AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल ने हमेशा काम के आधार पर वोट मांगे हैं, और जनता उन्हें फिर से ईमानदार साबित करेगी।
शराब नीति मामला और केजरीवाल की गिरफ्तारी:
दिल्ली की शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। 177 दिनों बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। यह मामला दिल्ली सरकार की शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है, और कोर्ट ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में काम करने से रोक दिया है।
दिल्ली में AAP की सरकार:
- 2013: आम आदमी पार्टी पहली बार दिल्ली में 28 सीटों के साथ सत्ता में आई और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई।
- 2015: AAP ने 67 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की।
- 2020: AAP ने फिर से 62 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी को 8 सीटें मिलीं।
केजरीवाल का इस्तीफा, दिल्ली चुनाव से कुछ महीने पहले, आगामी राजनीतिक लड़ाई की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।