दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। उल्लेखनीय है कि ईडी मामले में केजरीवाल ने अपनी जमानत पर अंतरिम रोक के खिलाफ पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दे रखी है। इस पर बुधवार को सुनवाई होनी है। हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि निचली अदालत ईडी की ओर से पेश की गई सामग्री का उचित आकलन करने में विफल रही और केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला करते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया। इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। वहीं, आप के सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को ‘फर्जी मामले’ में फंसाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, हमें विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने ऐसे समय में साजिश रची है, जब केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने की संभावना है। निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की ईडी की अर्जी पर 34 पृष्ठों के आदेश में न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि प्रत्येक अदालत का यह दायित्व है कि वह पक्षों को अपना-अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त अवसर दे। इस मामले में भी ईडी को केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपनी दलीलें पेश करने का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए था। न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि निचली अदालत ने ईडी द्वारा दी गई दलीलों पर चर्चा और विचार नहीं किया और न ही जमानत देते समय पीएमएलए की धारा 45 के तहत दोहरी शर्त की आवश्यकता के संबंध में चर्चा की। इसके धारा के तहत जमानत दी जा सकती है, यदि अदालत को यह विश्वास हो कि आरोपी दोषी नहीं है और अभियोजक को जमानत आवेदन का विरोध करने का अवसर दिया गया है। पीठ ने कहा कि आप प्रमुख के रूप में केजरीवाल की जिम्मेदारी के मुद्दे को भी जमानत आदेश में कोई जगह नहीं मिली। इस स्तर पर यह नहीं कहा जा सकता कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड कानून के अनुसार नहीं थे। पीठ ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में दी गई थी और इसलिए उनकी यह दलील कि उन्होंने इसका दुरुपयोग नहीं किया, ज्यादा मददगार नहीं है।

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