प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में गुरुग्राम में रियल एस्टेट समूह एमउएम का 300 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का भूखंड कुर्क किया है। जांच एजंसी का दावा है कि इस मामले के तार कांग्रेस नेता व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी जुड़े हुए हैं। इस कार्रवाई के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आदेश जारी किया गया था। ईडी की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि 88.29 एकड़ जिस भूमि को कुर्क किया गया है, वह हरियाणा में गुरुग्राम जिले के बशारिया गांव में स्थित है। इस भूखंड की कीमत 300.11 करोड़ रुपए है। धनशोधन का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की प्राथमिकी पर आधारित है, जो हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, नगर एवं ग्राम नियोजन निदेशालय (डीटीसीपी) के पूर्व निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, रियल्टी समूह आरएस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (आरएसआइपीएल) और 14 अन्य कंपनियों के खिलाफ दर्ज की गई थी। ईडी का दावा है कि आरोपियों ने जमीन मालिकों हरियाणा राज्य और तत्कालीन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) समेत अन्य के धोखाधड़ी की। आरोपियों ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और उसके बाद संबंधित भूस्वामियों की भूमि अधिग्रहण करने के लिए धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाकर उनके साथ धोखाधड़ी की। इससे उन्हें अपनी जमीन को मौजूदा कीमत से कम कीमत पर रियल एस्टेट कंपनियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। जांच एजंसी के अनुसार, आरोपियों ने धोखाधड़ी से अधिसूचित भूमि पर आशय पत्र (एलओआई) या लाइसेंस प्राप्त कर लिए, जिससे भूस्वामियों और हरियाणा राज्य को नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने स्वयं गलत लाभ अर्जित किया। वहीं, एमएम ने कहा है कि संबंधित भूखंड के लिए उसने भारी निवेश किया है, जहां आवासीय या वाणिज्यिक परियोजना स्थापित किए जाने की संभावना है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस परियोजना की क्षमता को भी नजरअंदाज कर दिया गया है, जो हजारों परिवारों के लिए रोजगार पैदा करेगी। इसलिए, संपत्ति को जब्त करने की ईडी की कार्रवाई न तो कानूनन उचित है और न ही न्याय और समानता के नजरिए से सही है। यह भूखंड किसी भी परिस्थिति में पीएमएलए के तहत अपराध की आय के दायरे में नहीं आ सकता है।’