स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे के उपयोग से दिल्ली में बिजली आपूर्ति में कई बार बाधा उत्पन्न हुई। चीनी मांझे के कारण बिजली की लाइनों के ‘ट्रिप’ (खराब) होने की 50 से अधिक घटनाएं हुईं, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई।
विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्काम) के अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी दिल्ली में सबसे अधिक व्यवधान देखा गया। डिस्काम ने लोगों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी के साथ पतंग उड़ाएं और विद्युत प्रतिष्ठानों के पास पतंगबाजी से बचें। इस संदर्भ में एक विशेष सुरक्षा वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें धातुयुक्त मांझे के उपयोग से बचने और सुरक्षित स्थानों पर पतंग उड़ाने की सलाह दी गई है।
उत्तरी दिल्ली में बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के प्रवक्ता के अनुसार, उप-पारेषण स्तर पर कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। हालांकि, 11 केवी स्तर पर 49 बार ट्रिपिंग की सूचना मिली, जिससे करीब 25,000 ग्राहक प्रभावित हुए। वहीं, बीएसईएस के प्रवक्ता ने बताया कि वितरण कंपनियों बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने छह ट्रिपिंग की घटनाओं की जानकारी दी है।
बीएसईएस ने इस विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए) के साथ बातचीत जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को धातु-लेपित मांझे से जुड़े खतरों के बारे में जागरूक करना है। आमतौर पर पतंग उड़ाने के लिए उपयोग होने वाली धातु लेपित डोर को चीनी ‘मांझा’ कहा जाता है।