मेप्पाडी, केरल: सोमवार रात से लगातार बारिश के बाद मंगलवार की तड़के मेप्पाडी में भूस्खलन ने गांव के गांव तबाह कर दिए। इस आपदा में सुजाता अनिनांचिरा और उनका परिवार भी शामिल था, जिनका घर मलबे में तब्दील हो गया। भूस्खलन से बचकर निकले यह परिवार घने जंगल में जा पहुंचा, जहां उनका सामना तीन हाथियों से हुआ। लेकिन यह हाथी उनकी जान के दुश्मन नहीं, बल्कि रक्षक बने।
सुजाता और उनके परिवार ने बताया कि भूस्खलन के दौरान वे सभी मलबे में दब गए थे। किसी तरह खुद को और अपने परिवार को निकालने के बाद वे पहाड़ी की ओर भागे। जंगल में शरण लेते हुए उन्होंने पाया कि तीन हाथियों ने उन्हें घेर लिया है। स्थिति बेहद डरावनी थी, लेकिन हाथियों ने उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया।
सुजाता ने कहा कि उन्होंने हाथ जोड़कर प्रार्थना की और हाथियों से शरण मांगी। हाथी भी शायद उनकी स्थिति को समझ गए और रातभर उनकी सुरक्षा करते रहे। सुबह होते ही बचाव दल ने आकर सुजाता और उनके परिवार को सुरक्षित निकाला। सुजाता ने कहा कि भोर होते ही जब वे वहां से निकलने लगे तो हाथियों की आंखों में आंसू देखे।
इस घटना को सुजाता ने ईश्वर की कृपा और हाथियों की दयालुता का परिणाम माना। उन्होंने कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि वे और उनका परिवार इस भीषण आपदा में सुरक्षित बच गए। मेप्पाडी में जारी राहत कार्यों के दौरान यह घटना स्थानीय लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गई है, जिसमें जानवरों और इंसानों के बीच का अनोखा संबंध दिखाई दिया।