राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने नौकरियों का लालच देकर भारतीय युवाओं को तस्करी के माध्यम से विदेश भेजने के सिलसिले में चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मंगलवार को जारी एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के अनुसार इन आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया और उनकी पहचान दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, बहादुरगढ़ (हरियाणा) के साहिल और आशीष उर्फ अखिल तथा सीवान (बिहार) के पवन यादव उर्फ अफरोज उर्फ अफजल के रूप में हुई है। एनआइए की जांच में खुलासा हुआ है कि ये लोग एक संगठित तस्करी गिरोह का हिस्सा हैं जो भारतीय युवाओं को आकर्षक नौकरी दिलाने का लालच देकर उन्हें तस्करी के माध्यम से दूसरे देशों में भेजता है। एनआइए के बयान में कहा गया है, ‘तस्करी के माध्यम से बाहर भेजे जाने वाले इन युवकों से लाओस, गोल्डेन ट्राएंगल सेज तथा दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटर में जबरन काम करवाया जाता था और इस पूरे धंधे में भारत के विभिन्न हिस्सों, लाओस एवं अन्य देशों में सक्रिय विदेशी नागरिकों का एक विशाल नेटवर्क सक्रिय था।’ एनआइए ने कहा कि इन काल सेंटर के माध्यम से युवकों को निवेश घोटाले, ‘रिलेशनशिप’ घोटाले ‘क्रिप्टोकरंसी’ घोटाले जैसी अवैध आनलाइन गतिविधियां करने के लिए बाध्य किया जाता था। एनआइए ने 19 जून को दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। मई में जांच एजंसी ने छह राज्यों एवं दो केंद्रशासित प्रदेशों में वहां की पुलिस की मदद से 15 स्थानों की सघन तलाशी ली थी। इन तलाशी के फलस्वरूप मानव तस्करी और साइबर ठगी मामलों के सिलसिले में आठ नई प्राथमिकी दर्ज की गईं।