नई दिल्ली: Google ने AI क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए 2.7 बिलियन डॉलर खर्च करके नोआम शेज़र को फिर से अपनी टीम में शामिल किया है। यह कदम एक अनोखे ‘रिवर्स एक्वी-हायर’ समझौते के तहत उठाया गया, जिसमें कंपनी ने पूरी तरह से अधिग्रहण नहीं किया, बल्कि केवल तकनीक का लाइसेंस लिया और प्रमुख कर्मियों को फिर से नियुक्त किया।
कौन हैं नोआम शेज़र और क्यों Google ने किया बड़ा निवेश?
नोआम शेज़र कोई साधारण इंजीनियर नहीं हैं; वह 2017 के रिसर्च पेपर Attention is All You Need के सह-लेखक हैं, जिसने AI उपकरणों के विकास की नींव रखी। यही पेपर चैटजीपीटी और Google के नवीनतम AI प्रोजेक्ट जेमिनी जैसे आधुनिक AI चैटबॉट्स के लिए आधार बना।
शेज़र ने 2000 में Google जॉइन किया और लगभग दो दशकों तक AI के क्षेत्र में अहम योगदान दिया। हालांकि, 2021 में उन्होंने Google छोड़ दिया जब कंपनी ने उनके और डैनियल डी फ्रीटास द्वारा बनाए गए चैटबॉट Meena को लॉन्च करने से मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने Character.ai प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिसने उपयोगकर्ताओं को AI मॉडल्स के साथ बातचीत करने का मौका दिया।
Google का रणनीतिक कदम या केवल पैसे की ताकत?
2024 में Google ने 2.7 बिलियन डॉलर की भारी-भरकम राशि खर्च कर शेज़र, डैनियल डी फ्रीटास, और उनकी टीम को वापस अपनी छत्रछाया में लिया। इस कदम को एक स्मार्ट ‘रिवर्स एक्वी-हायर’ डील कहा जा रहा है, जहां Google ने पूरी कंपनी का अधिग्रहण नहीं किया, बल्कि सिर्फ तकनीक और कुछ महत्वपूर्ण कर्मचारियों को फिर से नियुक्त किया।
इस कदम ने Google को किसी भी प्रतिस्पर्धा और एकाधिकार से जुड़े कानूनी मुद्दों से बचने में मदद की, जिससे अन्य बड़े टेक कंपनियों द्वारा भी ऐसे ही रणनीतिक अधिग्रहण के उदाहरण सामने आ रहे हैं।
बड़ी टेक कंपनियों की AI प्रतिभाओं पर नजर
बड़ी टेक कंपनियां, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न भी शामिल हैं, अपने AI प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी विशेषज्ञों और तकनीक का अधिग्रहण कर रही हैं, जिससे छोटे खिलाड़ियों की नवाचार करने की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं।
नोआम शेज़र की वापसी के साथ, Google अपने प्रमुख AI प्रोजेक्ट जेमिनी के लिए दुनिया के कुछ बेहतरीन दिमागों को एक साथ लाकर AI की दौड़ में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है।