हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में, सावित्री जिंदल, जो भारत की सबसे धनी महिला हैं और जिंदल समूह की एमिरेटस चेयरपर्सन, ने कांग्रेस के राम निवास रारा को 20,000 से अधिक मतों से हराया। पहले बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद, उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
सावित्री जिंदल का राजनीतिक सफर
74 वर्षीय सावित्री जिंदल ने हिसार विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक यात्रा में एक और कदम बढ़ाया है। उनका चुनावी अभियान एक बार फिर उनकी लोकप्रियता को साबित करता है, और यह दर्शाता है कि वह क्षेत्र के लोगों के बीच कितनी प्रिय हैं। उन्होंने पहले भी इस क्षेत्र से दो बार विधायक रहने का अनुभव किया है और हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
जिंदल समूह की विरासत
सावित्री जिंदल का नाम उद्योग और राजनीति में विशेष रूप से जाना जाता है। जिंदल समूह, जो भारत के प्रमुख उद्योग समूहों में से एक है, का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने दिवंगत पति ओम प्रकाश जिंदल के बाद संभाली। ओपी जिंदल की 2005 में एक हादसे में मृत्यु के बाद, सावित्री ने न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाया, बल्कि जिंदल समूह को भी नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
जनता के प्रति प्रतिबद्धता
सावित्री जिंदल ने चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह जीत उनके लिए नहीं, बल्कि उनके समुदाय के लिए है। वह अपने पति द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए हिसार के विकास के लिए काम करने का संकल्प लेती हैं। उनका उद्देश्य केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि लोगों की सेवा करना और उनके विश्वास को बनाए रखना है।
संपत्ति और परिवार
फोर्ब्स के अनुसार, सावित्री जिंदल की संपत्ति 3.65 लाख करोड़ रुपये है, जो उन्हें केवल भारत में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाती है। उनके चार बेटे और पांच बेटियां हैं, जिनमें से उनके बेटे नवीन जिंदल सक्रिय राजनीति में भी हैं।
सावित्री जिंदल का यह चुनावी विजय केवल एक राजनीतिक सफलता नहीं है, बल्कि उनके परिवार की विरासत और क्षेत्र की जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।