दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट का निर्देश: जेलों के शौचालयों की स्थिति सुधारें

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह राजधानी के सभी जेल परिसरों में शौचालयों की स्थिति का निरीक्षण करके चार महीने के भीतर उनका नवीनीकरण और मरम्मत करे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले में तिहाड़ जेल के निरीक्षण की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें शौचालयों की खराब स्थिति की ओर इशारा किया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया कि शौचालयों की स्थिति संतोषजनक नहीं है और कुछ कैदियों द्वारा स्वेच्छा से सफाई का काम किया जा रहा है। सफाई उपकरणों की कमी और कुछ शौचालयों के उपयोग की स्थिति में नहीं होने की भी जानकारी दी गई।

अदालत ने अधिकारियों से कहा कि वे प्रत्येक जेल परिसर में शौचालयों की सफाई के लिए अनुबंध के आधार पर पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त करें। साथ ही, उन कैदियों को अकुशल श्रम के लिए निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करें जो स्वेच्छा से सफाई का काम कर रहे हैं।

यह आदेश तिहाड़ जेल में हाथ से मैला साफ करने के आरोपों वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आया। दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि शौचालयों की स्थिति ठीक नहीं है और सफाई के मुद्दे हैं। लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह शौचालयों की स्थिति का गहन निरीक्षण करे और आवश्यक मरम्मत के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करे।

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