SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच पर नए आरोपों पर हिंडनबर्ग की 1-लाइन प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 12 सितंबर 2024: हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर लगे गंभीर आरोपों पर टिप्पणी की है, जिसमें यह आरोप है कि उन्होंने SEBI के सदस्य रहते हुए कंपनियों से भुगतान प्राप्त किया था। हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “बुच ने उभरते हुए मुद्दों पर हफ्तों से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।” इस टिप्पणी ने राजनीतिक और कारोबारी हलकों में हलचल मचा दी है।

हिंडनबर्ग के अनुसार, एक निजी परामर्श फर्म, Agora Advisory Private Ltd, जिसमें बुच की 99% हिस्सेदारी है, ने SEBI द्वारा विनियमित कई कंपनियों से भुगतान प्राप्त किया था। इनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, ICICI बैंक, डॉ. रेड्डी और पिडिलाइट जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। आरोपों के अनुसार, यह भुगतान उस समय प्राप्त हुआ जब बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य थीं। हालांकि, अभी तक सिंगापुर स्थित उनकी परामर्श कंपनी के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को और विस्तार से उठाया है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि बुच की परामर्श फर्म ने करीब ₹3 करोड़ की कमाई की, जिसमें से अधिकांश पैसा महिंद्रा एंड महिंद्रा से आया। खेड़ा ने कहा, “यह सिर्फ हितों के टकराव का मामला नहीं है, बल्कि यह भ्रष्टाचार का मामला है। यह एक आपराधिक साजिश है, जिसे अत्यंत बेशर्मी और खुल्लमखुल्ला तरीके से अंजाम दिया गया।”

खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि बुच ने अपनी फर्म की सेवाओं के बारे में जानकारी छुपाई और गलत बयान दिए। उन्होंने कहा, “यह केवल जानबूझकर छुपाने का मामला नहीं है, यह झूठ बोलने का भी मामला है।”

महिंद्रा समूह ने इन आरोपों को “झूठे और भ्रामक” बताते हुए खारिज कर दिया। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हम इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार मानते हैं और हमारा मानना है कि यह झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।”

इन आरोपों के बावजूद, SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है। राजनीतिक और कारोबारी जगत में इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है, और बुच की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

इन आरोपों के बीच SEBI और उसकी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जहां एक तरफ हिंडनबर्ग और कांग्रेस ने बुच पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अब देखना होगा कि SEBI या बुच इस पर कब और क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और यह मामला कैसे आगे बढ़ता है।

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