माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों,
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज हम अपने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मना रहे हैं। 15 अगस्त 1947 को हमारे देश ने 200 वर्षों की ब्रिटिश हुकूमत से मुक्ति पाई थी। यह दिन केवल स्वतंत्रता की सालगिरह नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की भावना को मजबूती प्रदान करता है और हम सभी के दिलों में देशभक्ति का जज्बा भरता है।
स्वतंत्रता दिवस का यह अवसर हमें देश के सभी धर्मों और जातियों को एकजुट होकर खुशी और गर्व के साथ मनाने की प्रेरणा देता है। यह दिन उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का भी है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। इस दिन सभी प्रमुख संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें देशभक्ति गीत गाए जाते हैं और भाषण दिए जाते हैं।
हमारा स्वतंत्रता दिवस समारोह हमारे महान लोकतंत्र की पहचान का भी प्रतीक है। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अलग पहचान हो सकती है, जैसे जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पहचान हमारी भारतीय नागरिकता है। यह पहचान हमारी सभी अन्य पहचानों से अधिक महत्वपूर्ण है। सभी भारतीय नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हैं, साथ ही हमारे कर्तव्य भी समान हैं।
देशभर में स्वतंत्रता दिवस की धूमधाम से तैयारी की जाती है, लेकिन दिल्ली के लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम की विशेषता होती है। इस दिन राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती है, और प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से पूरे देश को संबोधित करते हैं।
यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई। उनकी कुर्बानियों के कारण ही हम आज स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। उनकी संघर्ष की वजह से ही अंग्रेजों को हमारे देश को छोड़ना पड़ा।
स्वतंत्रता दिवस का यह अवसर हमें अपने इतिहास से जुड़ने, वर्तमान की समीक्षा करने और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर प्रदान करता है। पिछले 77 वर्षों में, हमने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। चाहे वह शिक्षा, विज्ञान, अर्थव्यवस्था, खेल, सैन्य शक्ति, या अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हो, भारत ने हर क्षेत्र में अपनी शक्ति का परिचय दिया है। चंद्रयान-3 की सफलता, कोविड-19 वैक्सीन, और डिजिटल क्रांति इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
हालांकि, हमें अभी भी बहुत कुछ हासिल करना है। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है। लैंगिक और सामाजिक समानता के लिए और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हमें लंबा रास्ता तय करना है। भारत सरकार ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है, और हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपना पूरा योगदान देना चाहिए।
मैं अपने भाषण का समापन अल्लामा इकबाल की पंक्तियों के साथ करना चाहूंगा:
“ख़ुदा के लिए दिल में आना है हमारा, हमेशा रहेगा नाम हमारा, सदियों से छेड़ी है दुश्मनों ने जंग, लेकिन कभी भी मिटा नहीं हमारी पहचान।”
जय हिंद! जय भारत!
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ। जय हिंद, जय भारत!