भारत ने चीन के चार उत्पादों पर लगाया डंपिंग-रोधी शुल्क

भारत ने घरेलू कंपनियों को चीन से आने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिए इस महीने वैक्यूम फ्लास्क और एल्युमीनियम फायल सहित पड़ोसी देश के चार उत्पादों पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया है। ये शुल्क इसलिए लगाए गए, क्योंकि ये उत्पाद सामान्य से कम कीमतों पर चीन से भारत को निर्यात किए जा रहे थे। सरकार ने यह कदम घरेलू कंपनियों को सस्ते आयात से बचाने के लिए उठाया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) की सिफारिश के बाद यह फैसला लिया गया। इन उत्पादों में साफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क, एल्युमीनियम फायल और ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड शामिल हैं। इन उत्पादों पर शुल्क इसलिए लगाए गए क्योंकि साफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क की निश्चित मोटाई सहित अन्य उत्पाद सामान्य से कम कीमत पर चीन से भारत में निर्यात किए जा रहे थे। इससे भारतीय उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि साफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क और ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड के आयात पर पांच साल के लिए शुल्क लगाया जाएगा। एल्युमीनियम फायल पर छह महीने के लिए अस्थायी रूप से 873 अमेरिकी डालर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया। ये शुल्क वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर की सिफारिशों के बाद लगाए गए हैं। डीजीटीआर वाणिज्य मंत्रालय की एक जांच इकाई है। यह इकाई डपिंग और सब्सिडी जैसे मामलों की जांच करती है।

देशों द्वारा एंटी डंपिंग जांच की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सस्ते आयात में बढ़ोतरी के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा है या नहीं। शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर बनाना है। अमूमन यह शुल्क तब लगाया जाता है जब कोई देश अपनी वस्तुओं को उनके उचित बाजार मूल्य से कम कीमत पर निर्यात करता है, जिससे दूसरे देश के घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचता है।

सरकार का कहना है कि इन शुल्कों से भारतीय उद्योगों को मदद मिलेगी। इससे वे चीन से आने वाले सस्ते आयात से मुकाबला कर पाएंगे। भारत ने पहले ही चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए कई उत्पादों पर डंपिंग-रोधीशुल्क लगाया है। भारत और चीन दोनों ही विश्व व्यापार संगठन के सदस्य हैं। चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। देश ने पड़ोसी देश के साथ बढ़ते व्यापार घाटे पर बार-बार गंभीर चिंता जताई है, जो 2023-24 में 85 अरब डालर था। सरकार, घरेलू (स्थानीय) कंपनियों को सस्ते आयात से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। जब कोई देश अपने उत्पादों को बाजार की मौजूदा उचित कीमत से कम पर निर्यात करता है तो इससे दूसरे देश के घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचता है।