जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में बुधवार, 19 जून को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। बारामूला के हादीपोरा इलाके में पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने आतंकियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, जबकि स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) का एक जवान और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
एनकाउंटर की घटना
हादीपोरा में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद, पुलिस और सेना ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुरक्षाबल जब आतंकियों के छिपने की जगह पर पहुंचे, तो आतंकियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान SOG का एक जवान और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
रियासी में आतंकी हमले की जांच: पुलिस को मिली बड़ी सफलता
इसी बीच, रियासी में शिव खोड़ी से आ रहे श्रद्धालुओं पर हुए आतंकी हमले के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रियासी से 45 साल के ओवर ग्राउंड वर्कर हकीम-उद-दीन को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, हकीम-उद-दीन ने आतंकियों की मदद की थी और उन्हें 6000 रुपए में पनाह दी थी। उसने आतंकियों को खाना और घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता भी मुहैया कराया था।
हमले में हुई हानि
रियासी में हुए इस हमले में 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी, जबकि 40 लोग घायल हो गए थे। इस हमले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इसकी जांच NIA को सौंप दी थी।
NIA को सौंपा गया केस
9 जून को हुए इस आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी गई थी। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद इस मामले में नई FIR दर्ज की गई। 16 जून को गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक मीटिंग की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया था कि आतंकवाद को कुचलने के साथ-साथ आतंकियों की मदद करने वालों पर भी सख्ती बरतें।
इस एनकाउंटर और आतंकी हमले से जुड़े घटनाक्रम ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षाबलों की तत्परता और उनके द्वारा की गई कार्रवाइयों ने आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया है, लेकिन सुरक्षा को लेकर और भी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।