केरल विधानसभा ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पास किया, वेयनाड को मदद में देरी का आरोप

केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार पर वेयनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों को मदद में देरी करने का आरोप लगाया गया। यह भूस्खलन जुलाई में हुआ था, जिसमें कई लोग मारे गए थे और व्यापक क्षति हुई थी।

प्रस्ताव की मुख्य बातें

यह प्रस्ताव पार्लियामेंटरी अफेयर्स मिनिस्टर एम बी राजेश द्वारा पेश किया गया था। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में केंद्र को पहले ही एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें चूरलमाला, मुंडक्कई, और पंचिरिमट्टम क्षेत्रों में हुए नुकसान का विस्तृत विवरण दिया गया था।

राजेश ने बताया कि भूस्खलन के बाद, राज्य सरकार ने केंद्र से तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि प्रभावित लोगों के बैंक ऋण पूरी तरह से माफ किए जाएं।

मंत्री ने उल्लेख किया कि इस त्रासदी ने पूरे पहाड़ी जिले को तबाह कर दिया है और भूस्खलन पीड़ितों की पुनर्वास प्रक्रिया में देरी होने से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार से अपेक्षाएं

राजेश ने कहा कि अन्य राज्यों को, जिन्होंने प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया, बिना किसी ज्ञापन के सहायता मिली है, जबकि केरल को यह सुविधा नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह केरल के लिए एक गंभीर मुद्दा है और केंद्र से तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।

राज्य सरकार ने भूस्खलन के बाद केंद्र से आवश्यक वित्तीय सहायता के लिए कई बार अनुरोध किया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान भी मदद की मांग की गई थी।

इस प्रस्ताव के पारित होने से विधानसभा में एकजुटता का संदेश गया है, और सभी दलों ने केंद्र सरकार से तात्कालिक सहायता की मांग की है, जिससे वेयनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों की स्थिति में सुधार किया जा सके।

निष्कर्ष

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि केंद्र सरकार ने जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए, तो इससे भूस्खलन पीड़ितों की पुनर्वास प्रक्रिया में और भी कठिनाई उत्पन्न होगी। केरल विधानसभा का यह कदम इस संकट के समय में प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता और समर्थन को दर्शाता है।