कोलकाता के सियालदह कोर्ट में आज से ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई के बाद, आरोपी संजय रॉय ने पुलिस वैन से चीखते हुए कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। उसने आरोप लगाया कि घटना के समय कोलकाता के पुलिस कमिश्नर रहे विनीत गोयल ने इस साजिश को रचा और उसे फंसाया।
आरजी कर कॉलेज में 8 अगस्त को हुई ट्रेनी डॉक्टर की रेप और मर्डर घटना के मुख्य आरोपी संजय रॉय ने फिर से ममता सरकार को दोषी ठहराया है। इस बार उसने विनीत गोयल का नाम लिया, जो उस वक्त पुलिस कमिश्नर थे। सोमवार, 11 नवंबर को सियालदह कोर्ट में पेशी के बाद, संजय पुलिस वैन से बाहर आते समय चीखते हुए बोला, “मैं आपको बता रहा हूं कि यह विनीत गोयल था जिसने पूरी घटना की साजिश रची और मुझे फंसाया।”
इससे पहले, 4 नवंबर को संजय ने पहली बार ममता सरकार पर आरोप लगाया था। उस समय सियालदह कोर्ट में पेशी के बाद, संजय ने कैमरे के सामने कहा था कि ममता सरकार उसे फंसा रही है और उसे चुप रहने की धमकी दी गई है।
घटना का विवरण:
यह घिनौनी घटना 8 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में हुई थी, जहां एक ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर कर दिया गया था। उसकी लाश 9 अगस्त को बरामद की गई। पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था, और 4 नवंबर को सियालदह कोर्ट ने उसे आरोपित किया। आज से इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है।
डॉक्टरों का प्रदर्शन और पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा:
इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की थी। इसके परिणामस्वरूप 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिनों तक हड़ताल की गई थी। इस दौरान डॉक्टरों ने ममता सरकार के सामने कई मांगें रखी थीं, जिनमें से एक विनीत गोयल के इस्तीफे की थी। 17 सितंबर को विनीत गोयल को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया।
सीबीआई की जांच:
सीबीआई ने इस मामले में संजय रॉय को मुख्य आरोपी माना है। सीबीआई की चार्जशीट में यह कहा गया है कि पीड़िता के शरीर से मिले सीमन सैंपल और बाल आरोपी के सैंपल से मेल खाते हैं। इसके अलावा, आरोपी के मोबाइल की कॉल डिटेल्स, CCTV फुटेज, और अन्य साक्ष्य भी मामले को प्रमाणित करते हैं। सीबीआई ने इसे रेप केस के रूप में दर्ज किया है, न कि गैंगरेप।
कानूनी विकास:
इस मामले ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान भी खींचा, जिसने राज्य सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने और कार्यस्थल पर बेहतर स्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी।