कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में घटना के बाद क्राइम सीन पर 10-12 लोग एक साथ नजर आ रहे हैं। आरोप है कि इन तस्वीरों में लोग पुलिस के अलावा भी घटनास्थल पर थे, जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है।
कोलकाता पुलिस का कहना है कि ये तस्वीरें 9 अगस्त को क्राइम सीन की जांच पूरी होने के बाद की हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वायरल तस्वीर में दिख रहे लोग FSL स्टाफ, पुलिस अधिकारी और अन्य जांच अधिकारी थे और उनके क्राइम सीन पर जाने की अनुमति थी। किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ का आरोप निराधार है।
इस मामले में CBI ने भी 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताई थी। CBI के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने FIR दर्ज करने में हुई देरी पर चिंता व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया है।
भाजपा और TMC दोनों ने मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा की महिला मोर्चा ने राज्य महिला आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला, जबकि TMC ने राज्य के सभी कॉलेजों में प्रदर्शन किया और केंद्र से मृत्युदंड का कानून पारित करने की मांग की।
इस बीच, बंगाल के गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। भाजपा ने 28 अगस्त को बंगाल बंद का आह्वान किया था, जो कई जिलों में झड़पों और हिरासत में लिए जाने की घटनाओं के साथ सम्पन्न हुआ।
CBI की जांच जारी है और मुख्य आरोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म स्वीकार किया है। इसके अलावा, CBI ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ASI अनूप दत्ता के पॉलीग्राफ टेस्ट की भी मांग की है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या दत्ता ने अपराध को छिपाने में आरोपी संजय रॉय की मदद की थी।