कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गया है। मंगलवार (27 अगस्त) को छात्रों और राज्य कर्मचारियों ने नबन्ना, राज्य सचिवालय की ओर मार्च किया, जिसका नेतृत्व पश्चिम बंगाल छात्र संघ और संग्रामि संयुक्त मंच ने किया।
प्रदर्शनकारियों ने सांतरागाछी में पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
नबन्ना, जहां मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारी कार्यरत हैं, को घेरने के लिए 6,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षा के लिए 19 स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, जबकि 21 जगहों पर पुलिस उपायुक्तों को तैनात किया गया है। हावड़ा ब्रिज को भी बंद कर दिया गया है और सुरक्षा की निगरानी के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है।
इस हिंसक घटना के बाद पुलिस ने रैली को अवैध करार दिया है। साथ ही, नबन्ना के पास धारा 144 लागू कर दी गई है, जो पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाती है। भारी कंटेनरों को सड़कों पर रखा गया है ताकि प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका जा सके।
8 अगस्त की रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कई अस्पतालों में डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी, लेकिन राज्य में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच, भाजपा ने बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद का ऐलान किया है।