कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई ने सियालदह की विशेष अदालत को बताया कि अब तक गैंगरेप के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि, जांच अभी जारी है।
सीबीआई ने इस मामले में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया, क्योंकि उन्हें सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जांच करनी है और सभी संभावनाओं की जांच करनी है।
संदीप घोष और अभिजीत मंडल की हिरासत बढ़ाई गई
संदीप घोष और अभिजीत मंडल तीन दिन की सीबीआई हिरासत में थे और उन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उनकी हिरासत 20 सितंबर तक बढ़ा दी।
सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा कि घोष और मंडल से कॉल रिकॉर्डिंग, डीवीआर, सीसीटीवी कैमरों और अन्य डाटा के संबंध में और पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हिरासती पूछताछ आवश्यक है, क्योंकि दोनों आरोपी पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं।
संदिग्ध फोन नंबर और नई जानकारी सामने आई
अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस हिरासत के दौरान आरोपियों को उनके मोबाइल नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर पूछताछ की गई। इसके अलावा, ताला पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से जुड़े हार्ड डिस्क और डीवीआर भी जब्त किए गए, जिनका डेटा निकाला जा रहा है।
आरोपियों की जांच के दौरान कुछ अन्य संदिग्ध मोबाइल नंबर सामने आए हैं, जिनके सीडीआर का मिलान करके आगे की पूछताछ की जाएगी।
डॉक्टर के जल्दबाजी में अंतिम संस्कार का मामला
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल ने महिला डॉक्टर के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कराने में मदद की, जबकि परिवार ने दूसरी पोस्टमॉर्टम की मांग की थी।
अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी
इस मामले में 15 सितंबर को संदीप घोष और अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया गया था। घोष को पहले ही 2 सितंबर को आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तीन और लोग भी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं।
संजय रॉय की गिरफ्तारी
इस मामले में कोलकाता पुलिस के एक सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को भी बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई द्वारा जांचा जा रहा है।