लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने तथा वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने तथा वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। बिरला ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच के पहले सत्र के संबोधन में यह बयान दिया। यह सत्र ब्रिक्स संसदीय आयाम अंतर- संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने की संभावनाएं पर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में सक्रिय रूप से भागीदारी कर रहा है। भारत परस्पर सहयोग और एकजुटता बढ़ाने, वैश्विक शासन व्यवस्था और बहुपक्षीय संगठनों में सुधार करने, आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए 2030 एजंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग का पक्षधर है। बिरला ने इस मौके पर ब्रिक्स संसदीय मंच में चार नए सदस्यों, अर्थात मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का भी स्वागत किया। बिरला ने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अर्थात समस्त संसार एक परिवार है के सिद्धांत पर चलता है जो ब्रिक्स द्वारा अभिव्यक्त समानता, एकजुटता और परस्पर लाभकारी सहयोग की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सांसद प्रगति और सतत विकास के एजंडा को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे मंच पर सांसदों को नए विचारों, नए कानूनों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्राप्त होता है।