लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत और जापान बौद्ध धर्म की साझी विरासत है जो दोनों देशों के नागरिकों को आपस में जोड़ती है। उन्होंने बौद्ध धर्म से जुड़े धार्मिक स्थानों की यात्रा के लिए प्रतिवर्ष जापान से आने वाले पर्यटक एवं तीर्थयात्रियों की बड़ी संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ विकसित होती है। उन्होंने गुरुवार को संसद भवन परिसर में जापान के हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर नुकागा फुकुशिरो के साथ बैठक की। यह जापानी संसदीय शिष्टमंडल भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर है। ओम बिरला ने नए संसद भवन के पहले सत्र में नारी शक्ति वंदन अधिनियम सहित कई महत्त्वपूर्ण विधेयक पारित हुए और बजट सत्र को सबसे महत्त्वपूर्ण सत्र बताते हुए भारत की बढ़ती आर्थिक प्रगति का उल्लेख किया और कैसे हर क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है इसका जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत के निर्वाचन आयोग का स्वच्छ, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने का कीर्तिमान रहा है। देश की विकास यात्रा में कई चुनौतियों का देश के जनप्रतिनिधियों ने सहमति असहमति और चर्चा संवाद से समाधान किया है। बिरला ने कहा कि दोनों संसद अपनी बेहतरीन संसदीय पद्धति, नवाचार और अपनी परंपराओं को संसदों की उपलब्धियों को आपस में साझा कर सकते हैं, जिससे दोनों संसदों के बीच आपसी समझ बढ़ेगी और सहयोग के नए पक्षों का मार्ग प्रशस्त होगा। बिरला ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के संसदीय शिष्टमंडल एक-दूसरे के देशों में नियमित यात्राएं करें और संसदीय मैत्री समूह विभिन्न विषयों पर नियमित संवाद करें ताकि हम एक- दूसरे के अनुभवों से लाभ उठा सकें।
बिरला ने बताया कि भारत के निर्वाचन आयोग का स्वच्छ, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने का कीर्तिमान रहा है।