भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 99 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नागपुर दक्षिण-पश्चिम और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को कामठी से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने कई नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस से भाजपा में आए अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण 20 नवंबर के चुनाव के लिए भाजपा द्वारा चुने गए क्षेत्रीय क्षत्रपों के रिश्तेदारों में से एक हैं। कोंकण के कद्दावर नेता नारायण राणे के बेटे नितेश राणे को सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है। टिकट पाने वाले एक और राजनीतिक खानदानी नेता अमल महादिक हैं, जो भाजपा के राज्यसभा सदस्य धनंजय महादिक के छोटे भाई हैं। पार्टी ने जालना जिले के भोकरदन निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के पुत्र संतोष दानवे की उम्मीदवारी पर भी मुहर लगाई है।
भाजपा के पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर के पोते संभाजी पाटिल निलंगेकर को लातूर जिले के निलंगा निर्वाचन क्षेत्र से फिर चुनाव मैदान में उतारा गया है। प्रमुख राजनेताओं से संबंधित अन्य उम्मीदवारों में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के करीबी वरिष्ठ राजनेता पद्मसिंह पाटिल के बेटे राणा जगजीतसिंह पाटिल शामिल हैं। राणा की पत्नी अर्चना पाटिल ने राकांपा प्रत्याशी के रूप में धाराशिव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पुणे में शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र से सिद्धार्थ शिरोले को फिर से टिकट दिया गया है। वह पूर्व भाजपा सांसद अनिल शिरोले के बेटे हैं। चिंचवाड़ सीट पर मौजूदा विधायक अश्विनी जगताप की जगह उनके साले शंकर जगताप को टिकट दिया गया है।
मुंबई में भाजपा ने अपनी नगर इकाई के प्रमुख आशीष शेलार को तीसरी बार बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जबकि उनके भाई विनोद शेलार मलाड पश्चिम सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। विनोद का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री असलम शेख से हो सकता है, अगर उन्हें फिर से टिकट दिया जाता है। भाजपा ने पहली सूची में 71 विधायकों को बरकरार रखा है, जिनमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मंत्री गिरीश महाजन, सुधीर मुनगंतिवार और चंद्रकांत पाटिल जैसे प्रमुख चेहरे शामिल हैं।
इस साल लोकसभा चुनाव में, महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों का मुकाबला करते हुए कई कारणों से महाराष्ट्र में भाजपा 23 से गिरकर नौ पर सिमट गई। भाजपा ने 2019 में तत्कालीन सहयोगी शिवसेना (अविभाजित) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और उसने 164 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा को तब 105 सीट हासिल हुई थी। इस बार राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को चुनाव होंगे। भाजपा राज्य में लगभग 150 सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। वह अपने सहयोगियों मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के साथ कड़ी सौदेबाजी में लगी हुई है।
महाराष्ट्र चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची में 13 महिलाएं हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति से छह और अनुसूचित जाति से चार उम्मीदवार हैं। भाजपा की ओर से जारी उम्मीदवारों की इस सूची को पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की 16 अक्तूबर को हुई बैठक में अंतिम रूप दिया गया। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। मुलुंड से मौजूदा विधायक मिहिर कोटेचा को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है और तीन बार के विधायक राम कदम मुंबई की घाटकोपर पश्चिम सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे।
शेलार के भाई विनोद शेलार को भी भाजपा ने टिकट दिया है। वह मलाड पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे। वरिष्ठ नेता सुभाष देशमुख को सोलापुर दक्षिण से और दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे को कंकावली से टिकट दिया गया है। महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसके मुखिया शिवसेना के एकनाथ शिंदे हैं। इस सत्ताधारी गठबंधन में शिवसेना के अलावा भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है। दूसरी तरफ, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) है। इसमें उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल है।
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बिल्कुल बदल गई है। साल 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा और अविभाजित शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसे 56 पर जीत मिली थी। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उसे 44 सीट पर जीत मिली थी, जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत हासिल हुई थी। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में, भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन को झटका लगा था।