सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आखिरकार जमानत मिल गई है। 17 महीनों की जेल की अवधि के बाद, सिसोदिया को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहत प्रदान की। उन्हें 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे तिहाड़ जेल में बंद थे।
जमानत की वजह
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को ईडी और सीबीआई मामलों में जमानत दी, यह कहते हुए कि ट्रायल में देरी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि सिसोदिया को 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी जाती है। कोर्ट ने कहा, “सिसोदिया को स्पीडी ट्रायल का अधिकार नहीं दिया गया, जो कि आर्टिकल 21 के तहत आवश्यक है।”
कोर्ट की टिप्पणियाँ
बेंच ने कहा कि सिसोदिया की सामाजिक स्थिति और सबूतों की सुरक्षित स्थिति के कारण, भागने की कोई संभावना नहीं है। जांच एजेंसियों के आरोप कि सिसोदिया ने ट्रायल में देरी की, को कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल में देरी के मामलों में जमानत पर उदारता से विचार करना चाहिए।
AAP की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने जमानत पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सत्य की जीत है। संजय सिंह ने कहा, “हमारे नेताओं को जबरन जेल में रखा गया। मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक जेल में रखना अन्याय था। हमें उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन भी जल्द बाहर आएंगे।”
शराब नीति विवाद
सिसोदिया पर 2021-22 की शराब नीति में घोटाले का आरोप है। जांच एजेंसियों का कहना है कि नीति में बदलाव कर शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया और रिश्वत ली गई। दिल्ली सरकार और AAP ने आरोपों को झूठा बताया है। इस केस में सिसोदिया के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह भी गिरफ्तार हो चुके हैं। केजरीवाल अब भी जेल में हैं।