केंद्रीय बजट 2024 में एक नई आयकर व्यवस्था की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना और वेतनभोगी करदाताओं को राहत प्रदान करना है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे और विभिन्न आय स्तरों वाले व्यक्तियों को प्रभावित करेंगे। इस लेख में, हम संशोधित कर स्लैब, लाभ और वेतनभोगी करदाताओं के लिए इसके प्रभावों के विवरण में जाएंगे।
संशोधित कर स्लैब: एक विश्लेषण
नई कर व्यवस्था में निम्नलिखित कर स्लैब पेश किए गए हैं:
- ₹0 – ₹3 लाख: कोई कर नहीं
- ₹3 लाख – ₹7 लाख: 5% कर
- ₹7 लाख – ₹10 लाख: 10% कर
- ₹10 लाख – ₹12 लाख: 15% कर
- ₹12 लाख – ₹15 लाख: 20% कर
- ₹15 लाख से ऊपर: 30% कर
प्रमुख बदलाव और लाभ
कर दर में कमी:
₹3 लाख से ₹7 लाख के बीच की वार्षिक आय के लिए कर दर को 5% तक कम कर दिया गया है, जो मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत प्रदान करेगा।
कर स्लैब का विस्तार:
₹6 लाख से ₹9 लाख के बीच की आय, जो पहले 10% कर के तहत आती थी, अब ₹10 लाख तक की आय पर लागू होगी, जिससे थोड़ा उच्च आय वाले व्यक्तियों को लाभ होगा।
मानक कटौती में वृद्धि:
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दी गई है, जिससे कर योग्य आय कम होगी और कर देनदारी घटेगी।
नई कर व्यवस्था से किसे लाभ होगा?
वार्षिक आय ₹7 लाख तक:
वे लोग, जिनकी वार्षिक आय ₹7 लाख तक है, उन्हें 5% की कम कर दर से लाभ होगा।
वार्षिक आय ₹10 लाख तक:
वे लोग, जिनकी वार्षिक आय ₹10 लाख तक है, उन्हें विस्तारित कर स्लैब और 10% की कम कर दर से लाभ होगा।
वेतनभोगी कर्मचारी:
वेतनभोगी कर्मचारियों को बढ़ी हुई मानक कटौती से लाभ होगा, जिससे उनकी कर योग्य आय कम होगी।
उच्च आय वर्ग के लिए प्रभाव
उच्च आय वर्ग में कोई परिवर्तन नहीं:
₹12 लाख से ₹15 लाख की आय वाले करदाताओं के लिए कर दर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जो 20% कर का भुगतान जारी रखेंगे, और ₹15 लाख से ऊपर की आय वाले करदाताओं को 30% कर देना होगा।
कोई अतिरिक्त राहत नहीं:
उच्च आय वाले करदाताओं को संशोधित कर स्लैब से कोई लाभ नहीं होगा और वे अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर पुरानी कर व्यवस्था पर विचार कर सकते हैं।
पुरानी कर व्यवस्था के साथ तुलना
पुरानी कर व्यवस्था:
करदाताओं के पास अभी भी पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प है, जो HRA, LTA और धारा 80C कटौती जैसे कटौती और छूट प्रदान करती है।
नई कर व्यवस्था:
नई कर व्यवस्था में कटौती और छूट के बिना, कम कर दरों के साथ एक सरल कर संरचना की पेशकश की गई है।
प्रभावी तिथि और अगले कदम
प्रभावी तिथि:
नई कर व्यवस्था में नई आयकर स्लैब 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे।
संसद में पारित:
बजट को कानून बनने के लिए संसद द्वारा पारित और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
निष्कर्ष
बजट 2024 में नई आयकर व्यवस्था का उद्देश्य वेतनभोगी करदाताओं, विशेष रूप से निम्न से मध्यम आय वालों को राहत प्रदान करना है। हालांकि उच्च आय वाले करदाताओं को संशोधित कर स्लैब से लाभ नहीं होगा, वे अभी भी पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं। करदाताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों का आकलन करें और जो कर व्यवस्था उनके लिए सबसे उपयुक्त हो, उसे चुनें।