नोएडा सेक्टर-12 के एच ब्लॉक स्थित एक मकान में शुक्रवार को 82 वर्षीय बुजुर्ग हरिलाल का शव सड़ी-गली हालत में मिला। यह शव करीब चार दिन पुराना बताया जा रहा है। घर में ही साथ रह रहे उनकी बेटी और दामाद को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जब तक कि दुर्गंध ने उन्हें सतर्क नहीं किया।
घटना का पता तब चला जब घर से लगातार दुर्गंध आने लगी। हरिलाल की बेटी और दामाद ने इसे अनहोनी समझते हुए पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर देखा कि हरिलाल का शव चारपाई पर पड़ा हुआ था, जो कई दिनों से वहीं था। लंबे समय तक शव पड़े रहने के कारण उसमें सड़न और कीड़े लग गए थे, और उनकी पीठ भी पूरी तरह से छिल गई थी।
मौत के कारणों की जांच
सेक्टर-24 थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके। बताया जा रहा है कि हरिलाल पिछले कुछ समय से बीमार थे, और इस दौरान उनकी देखभाल की भी कमी थी।
परिवार से बोलचाल बंद
पुलिस के अनुसार, तीन मंजिला मकान के ग्राउंड और सेकेंड फ्लोर पर हरिलाल की बेटी और दामाद रहते थे, लेकिन उनकी हरिलाल से बातचीत बंद थी। हरिलाल का बेटा बी ब्लॉक में रहता है और उसने धर्म परिवर्तन किया हुआ है। बुजुर्ग होने के बावजूद हरिलाल खुद ही अपना खाना बनाते थे, और शायद इसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
नोएडा पुलिस का ‘सवेरा अभियान’
इस घटना के बाद नोएडा पुलिस ने बुजुर्गों की देखभाल के लिए चलाए जा रहे ‘सवेरा अभियान’ के तहत वरिष्ठ नागरिकों की निगरानी और मदद बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। अभियान के तहत पुलिस अकेले रह रहे बुजुर्गों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लेती है और उनकी कुशलता सुनिश्चित करने के लिए डेटा भी तैयार करती है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
नोएडा में इससे पहले भी बुजुर्गों की इस प्रकार की दुखद घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अप्रैल 2023 में ग्रेटर नोएडा में एक रिटायर्ड डॉक्टर का शव उनके घर में सड़ी हालत में मिला था, और अगस्त 2023 में चिपयाना बुजुर्ग इलाके में एक महिला का शव भी इसी तरह की हालत में मिला था।
इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि बुजुर्गों की देखभाल में लापरवाही से कितनी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।