पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को आयात पर भारत की निर्भरता कम करने और किफायती तथा टिकाऊ तरीके से ईंधन उपलब्ध कराने के लिए तेल एवं गैस की खोज तेज करने का आन किया। ‘ऊर्जा वार्ता सम्मेलन’ में उन्होंने कहा कि अन्वेषण तथा उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अभिन्न अंग है, जो सतत आर्थिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘ईएंडपी 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डालर के निवेश के अवसर प्रदान करता है।’ पुरी ने कहा कि भारत की अन्वेषण तथा उत्पादन क्षमता का अब भी पूरी तरह दोहन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह अजीब लगता है कि भारत प्रचुर भूवैज्ञानिक संसाधनों के बावजूद तेल आयात पर इतना अधिक निर्भर है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय तलछटी बेसिन में करीब 65.18 करोड़ टन कच्चा तेल और 1138.6 अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस मौजूद है। पुरी ने कहा, ‘हमारे तलछटी बेसिन क्षेत्र के केवल 10 फीसद पर ही अन्वेषण का काम किया जा रहा है, जो वर्तमान बोली समाप्त होने के बाद 2024 के अंत तक बढ़कर 16 फीसद हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे अन्वेषण प्रयासों का ध्यान अभी तक न खोजे गए संसाधनों की खोज पर केंद्रित होना चाहिए।’ भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85 फीसद से अधिक आयात से पूरा करता है। रिफाइनरियों में कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। सरकार ईएंडपी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपनी भूमिका निभा रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने व्यापक सुधार लागू किए हैं, जिससे हितधारकों को हमारे देश की प्रगति में योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है।’ पुरी ने कहा, ‘हमारा इरादा 2030 तक भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने का है।’
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत की अन्वेषण तथा उत्पादन क्षमता का अब भी पूरी तरह दोहन नहीं हुआ है।